नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज आरोप लगाया कि विश्व हिन्दू परिषद की अयोध्या यात्रा राजनीतिक फायदे के लिए राज्य में सांप्रदायिक सदभाव बिगाडने के उद्देश्य से भाजपा और सपा के बीच रची गयी साजिश का नतीजा है.
मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा, उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा ने राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक माहौल खराब करने के उद्देश्य से गुपचुप ढंग से हाथ मिला लिया है. लेकिन राज्य की जनता ने उनकी योजनाओं को नकार दिया. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करे.
मायावती ने कहा कि न तो हिंदुओं ने 84 कोसी यात्रा पर भाजपा का समर्थन किया और न ही मुस्लिमों ने सपा का समर्थन किया. मैं हिंदू और मुस्लिमों को दोनों पार्टियों की योजना को विफल करने के लिए धन्यवाद करना चाहती हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में सांप्रदायिक सदभाव बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई सांप्रदायिक झगडे हुए हैं.
यह पूछने पर कि क्या विहिप ने ऐसी किसी यात्रा के लिए उनके मुख्यमंत्री रहते 2007 से 2012 के बीच कोई अनुमति मांगी थी, मायावती ने कहा कि उनके कार्यकाल में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया था. यह सपा और भाजपा द्वारा मिलकर रची गयी साजिश है. विहिप नेताओं ने दो घंटे तक मुलायम सिंह यादव से बात की थी.