रक्षा कंपनियों को निजीकरण नहीं बल्कि आधुनिकीकरण होगा: रक्षा मंत्री
कानपुर: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सैन्य उत्पाद बनाने वाली कानपुर की किसी भी फैक्टरी का न तो निजीकरण किया जाएगा और न ही इनका निगमीकरण होगा बल्कि इनकी उत्पादन व कार्यक्षमता बढाने पर काम होगा. इसके लिए विशेषज्ञों की राय अवश्य ली जाएगी. कानपुर किसी समय में रक्षा कारखानों का हब माना […]
कानपुर: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सैन्य उत्पाद बनाने वाली कानपुर की किसी भी फैक्टरी का न तो निजीकरण किया जाएगा और न ही इनका निगमीकरण होगा बल्कि इनकी उत्पादन व कार्यक्षमता बढाने पर काम होगा. इसके लिए विशेषज्ञों की राय अवश्य ली जाएगी.
कानपुर किसी समय में रक्षा कारखानों का हब माना जाता था उसे उसका पुराना दर्जा वापस दिलाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा तथा यहां अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा.
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि डीआरडीओ से यह भी कहा गया है कि वह आइआइटी जैसी देश की अन्य प्रौद्योगिकी संस्थाओं के साथ मिल कर रक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान का काम करें. रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर कल देर रात कानपुर आये थे लेकिन आज दोपहर उन्होंने मीडिया से बात की.
आज उनका ओइएफ, फील्ड गन फैक्टरी सहित कानपुर की सभी सैन्य उत्पाद फैक्ट्रियों के साथ साथ हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड का भी दौरा है. वे अधिकारियों के साथ इनके उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन बढाने पर चर्चा करेंगे तथा कर्मचारियों से उनकी समस्यायों पर भी विचार करेंगे. भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में पर्रिकर ने कहा कि कानपुर की रक्षा उत्पादों की फैक्ट्रियों का निजीकरण करने की कोई योजना नहीं है और न ही इन फैक्ट्रियों का निगमीकरण करने की योजना है. बल्कि मंत्रालय की योजना है कि कैसे इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता बढाई जायें और कैसे इनकी गुणवत्ता बढाई जायें.
इसके लिये इन फैक्ट्रियों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ साथ अत्याधुनिक मशीनें भी उपलब्ध कराई जायेंगी. निजी व सहकारी कंपनियों में कैसे अच्छा काम होता है, कैसे उनका उत्पादन बढता है इसकी जानकारी इन कारखाना अधिकारियों को दी जायेगी.
उन्होंने माना कि कानपुर की रक्षा फैक्ट्रियों का उत्पादन हाल के कुछ वर्षो में घटा है.
रक्षामंत्री पर्रिकर ने कहा कि इसी तरह कानपुर में हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बहुत ही अच्छा काम कर रही है और अभी तक उसे 14 डार्नियर एयरक्राफट का आर्डर उसे मिल चुका है. उन्होंने कहा ‘हम एचएएल का और अधिक विस्तार चाहते है ताकि यह विश्व स्तर की कंपनियों से मुकाबला कर सक और इसकी ख्याति बढे. इसके लिए आज हम एचएएल अधिकारियों से मिलकर उत्कृष्ठ तकनीक, अधिक उत्पादन और उत्तम क्वालिटी पर विचार करेंगे.