फसल की बर्बादी देखकर सदमे से चार किसानों की मौत
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने से सदमाग्रस्त चार किसानों की मौत हो गई. यह घटनाएं जिले के पांची, दरियापुर, नंगली और मवाना खुर्द गांवों में हुई. जिला प्रशासन ने घटना की जांच करा कर मृतक के परिजनों को उचित सरकारी मुआवजा देने की बात […]
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने से सदमाग्रस्त चार किसानों की मौत हो गई. यह घटनाएं जिले के पांची, दरियापुर, नंगली और मवाना खुर्द गांवों में हुई. जिला प्रशासन ने घटना की जांच करा कर मृतक के परिजनों को उचित सरकारी मुआवजा देने की बात कही है.
खरखौदा के पांची गांव के बेगराजपाल (70) के परिजनों ने आज यहां बताया कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों के बर्बाद होने से बेगराजपाल सदमे में था. रविवार को उसकी तबियत बिगड गई और अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड दिया.
थाना दौराला क्षेत्र के गांव नंगली निवासी महक सिंह (48) की दिल का दौरा पडने से मौत हो गई. परिजनों के अनुसार, महक सिंह ने आठ बीघा जमीन में से चार बीघा जमीन में गेहूं की फसल बोई थी जो बेमौसम बारिश से बर्बाद हो गई. रखी थी. बारिश और ओलावृष्टि से उसकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. थाना हस्तिनापुर क्षेत्र के गांव दरियापुर में प्रवीण नामक किसान रविवार को अपने खेत में बेहोश पाया गया. अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड दिया. परिवार के लोंगो के अनुसार फसल बर्बाद होने से प्रवीण बहुत दु:खी था.
चौथी घटना मवाना थाना क्षेत्र के गांव मवाना खुर्द में हुई जहां धर्मपाल त्यागी (70) की दिल का दौरा पडने से मौत हो गई. फसल बर्बाद होने तथा कर्ज से परेशान धर्मपाल त्यागी काफी तनाव में था. जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि मौत के इन मामलों की जांच कराई जा रही है. यदि मौत वास्तव में फसलों के बर्बाद होने के सदमे से हुई है तो नियमानुसार मृतक किसान के परिजनों की आर्थिक मदद की जाएगी.