सदन में पेश हुई निमेष आयोग की रिपोर्ट

* एसटीएफ के दावे पर उठे सवाल लखनउ : उत्तर प्रदेश के फैजाबाद, वाराणसी और लखनउ कचहरियों में नवम्बर 2007 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामलों में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा खालिद मुजाहिद तथा तारिक कासमी की बाराबंकी में गिरफ्तारी की सत्यता की जांच के लिये गठित आर. डी. निमेष आयोग की रिपोर्ट आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2013 3:07 PM

* एसटीएफ के दावे पर उठे सवाल

लखनउ : उत्तर प्रदेश के फैजाबाद, वाराणसी और लखनउ कचहरियों में नवम्बर 2007 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामलों में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा खालिद मुजाहिद तथा तारिक कासमी की बाराबंकी में गिरफ्तारी की सत्यता की जांच के लिये गठित आर. डी. निमेष आयोग की रिपोर्ट आज राज्य विधानसभा में पेश की गयी.

इस रिपोर्ट में एसटीएफ द्वारा मुजाहिद तथा कासमी की बाराबंकी में गिरफ्तारी की सत्यता पर संदेह जाहिर करते हुए कई सवाल उठाये गये हैं और आतंकवाद से जुड़े मामलों में होने वाली गिरफ्तारियों के बारे में कई सुझाव भी दिये गये हैं. साथ ही इस घटनाक्रम में सक्रिय भूमिका निभाकर विधि विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों को चिह्नित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है.

आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद की 22 दिसम्बर 2007 की जिस घटना की आड़ में बाराबंकी से गिरफ्तारी दिखायी गयी है उसमें इन दोनों की संलिप्तता संदेहजनक प्रतीत होती है.

तेईस नवम्बर 2007 को हुए कचहरी बम धमाकों के आरोपी कासमी और मुजाहिद की गिरफ्तारी की न्यायिक जांच की लगातार मांग के मद्देनजर तत्कालीन मायावती सरकार ने 14 मार्च 2008 को गठित निमेष आयोग ने यह भी कहा है चूंकि मामला बाराबंकी जिला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिये इस स्तर पर इस घटना के सम्बन्ध में किसी व्यक्ति के विरुद्ध दायित्व निर्धारित नहीं किये जा सकते. आयोग ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल अगस्त में ही राज्य सरकार को सौंप दी थी.

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