मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर विधानसभा में हंगामा

।।राजेन्द्र कुमार।।लखनऊ. सूबे के मुजफ्फरनगर जिले में हुए साम्प्रदायिक दंगे को लेकर एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन के बाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में कैबिनेट मंत्री मो. आजम खां के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया. जिसके चलते प्रश्नकाल हंगामें की भेंट चढ़ गया. इस दौरान विपक्ष ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2013 9:32 PM

।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ. सूबे के मुजफ्फरनगर जिले में हुए साम्प्रदायिक दंगे को लेकर एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन के बाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में कैबिनेट मंत्री मो. आजम खां के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया. जिसके चलते प्रश्नकाल हंगामें की भेंट चढ़ गया. इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर दंगों को नियंत्रित नहीं कर पाने का आरोप लगाया. भाजपा नेताओं के हंगामे की ही वजह से विधानसभा में मौजूद मुजफ्फरनगर के आरोपी विधायकों को गिरफ्तार कराने की हिम्मत अखिलेश सरकार नहीं जुटा सकी. जबकि अदालत ने दंगे के आरोपी बनाए गए नौ नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है. इनमें से भाजपा के संगीत सोम सहित चार विधायकों ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही में भाग भी लिया और विधानसभा की कार्रवाई खत्म होते ही वह सदन से निकल लिए.

विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई नेता प्रतिपक्ष बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर प्रश्नकाल स्थगित करते हुए सदन में चर्चा की मांग की. वहीं भाजपा के हुकुम सिंह ने भी कहा कि मुजफ्फरनगर में तनाव है और इसके पीछे की साजिश की पर्तें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं. उनका इशारा एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए उस स्टिंग आपरेशन की ओर था, जिसमें कैबिनेट मंत्री आजम खां पर दंगे के आरोप में पकड़े गए लोगों को छोड़ने का आरोप लगाया गया था. जिसे लेकर हुकुम सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे का ढि़करा महापंचायत के सिर मढ़ा जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इसकी असली जड़ राजधानी में सचिवालय में है. सरकार के काबीना मंत्री भी इसमें शामिल थे.

हुकुम सिंह के इस आरोप पर कांग्रेस के प्रदीप माथुर व प्रमोद तिवारी ने चर्चा कराए जाने की मांग की. इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री आजम खां के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा सदस्य अध्यक्ष पीठ के सामने वेल में आ गए.जिसके चलते सदन की कार्रवाई को दो बार स्थगित किया गया. इस दौरान भाजपा सदस्य वेल में ही धरने पर बैठे रहे और आजम खां के इस्तीफे की मांग करते रहे. बाद में सदन की कार्यवाही दोपहर 12.20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. जिसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका.

मैं बेकसूर, साजिशन मेरा नाम लिया जा रहा: आजम

भाजपा नेताओं के इस हंगामे के पूर्व ही न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन पर अपना पक्ष रखते हुए मो. आजम खां ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और न ही वह इस बारे में कोई सफाई देना चाहते हैं. साजिशन मेरा नाम लिया जा रहा है. मैंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था. चैनल ने साजिशन उनका राजनीतिक करियर दागदार करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि चैनल ने अपने शब्द उन पुलिसकर्मियों के मुंह में डाले हैं जिन्हें उस ऑपरेशन का आधार बनाया गया है. उन्होने कहा कि उनके अधिकारियों और दफ्तर के टेलीफोन नम्बरों के विवरण की जांच की जानी चाहिये. अगर यह साबित हो जाए कि उन्होंने किसी पुलिस अधिकारी को टेलीफोन किया था तो उन्हें जो सजा देना चाहें, दे दी जाए. उन्होने कहा कि उन्होंने पुलिस के कामकाज में कभी दखलंदाजी नहीं की और ऐसा करने के बजाय वह मर जाना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि वह एक साधारण आदमी हैं और किसी के खिलाफ कोई

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