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बिजली दरों में वृद्धि सपा सरकार की विफलता की निशानी : मायावती

लखनउ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में बढोत्तरी की कडी आलोचना करते हुए आज इसे राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार की घोर विफलता करार दिया और इसे जनहित में वापस लेने की मांग की. मायावती ने अपने एक बयान में कहा कि एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 1:54 PM

लखनउ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में बढोत्तरी की कडी आलोचना करते हुए आज इसे राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार की घोर विफलता करार दिया और इसे जनहित में वापस लेने की मांग की.

मायावती ने अपने एक बयान में कहा कि एक तरफ जहां प्रदेश में बिजली की भारी कमी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं बिजली की दरों में भारी बढोत्तरी कर जनता को और मुसीबत में डाला जा रहा है. खासकर घरेलू उपयोग की बिजली की दरों को 17 प्रतिशत तक महंगा किया जाना ‘जनविरोधी’ कदम है.

उन्होंने कहा कि बिजली के दामों में यह बढोत्तरी प्रदेश सरकार की घोर विफलता की एक और मिसाल है. पहले से ही बिजली संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देना प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता तथा विफलताओं का पर्दाफाश करता है.

मायावती ने तंज किया कि बिजली आपूर्ति में सुधार के सपा सरकार के लम्बे-चौडे दावे, इसी सरकार के अन्य सभी वादों तथा दावों की तरह ही कागजी तथा हवाई साबित होते स्पष्ट तौर पर दिख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के अपने चुनाव घोषणापत्र में सपा ने अपनी सरकार बनने के दो साल के अंदर गांवों में 20 घंटे और शहरों में 22 घंटे बिजली देने का वादा किया था लेकिन सवा तीन साल गुजर जाने के बाद भी यह सरकार उस वादे का कुछ अंश भी पूरा करने में नाकाम रही है.

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल में घरेलू बिजली की दरों में 17 प्रतिशत तक की बढोत्तरी कर दी है. बढी हुई दरें एक जुलाई से लागू होनी हैं.

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