Lucknow: प्रदेश के जिला कारागार रायबरेली में अपने साथी जेल वार्डर की पिटाई करने वाले पांचों जेल वार्डर को निलंबित कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद महानिदेशक, कारागार आनंद कुमार की ओर से इन पांचों जेल वार्डर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद बाद इस मामल में यह कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही पीड़ित जेल वार्डर की तहरीर पर मारपीट व जान की धमकी दिए जाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
जिन पांच जेल वार्डर को निलंबित किया गया है, उनमें विजय कुमार सिंह, सौरभ कुमार वर्मा, प्रवेश कुमार सिंह, राजीव कुमार शुक्ला और जसवंत तोमर शामिल हैं. वीडियो में यह पांचों जेल वार्डर रायबरेली के जेल वार्डर आवास में डंडे से बेरहमी से अपने साथी मुकेश को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं. यह वीडियो वायरल होने के बाद बेहद चर्चाओं में था और लोग जेल के अंदर इस तरह कानून की धज्जियां उड़ाने पर सवाल उठा रहे थे.
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए महानिदेशक, कारागार की ओर से इस प्रकरण में सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही भुक्तभोगी जेल वार्डर की तहरीर पर मारपीट व जान की धमकी दिए जाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
इस घटना के बाद महानिदेश कारागार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह जेल कर्मियों को अपना आचरण सुधारने और अनुशासन में कार्य करने की नसीहत दें. वहीं इस प्रकरण में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले रायबरेली जिला कारागार में तैनात एक बंदी रक्षक पर सोमवार की रात पांच साथियों ने जानलेवा हमला बोलकर खूब मारपीट की. इससे बंदी रक्षक घायल हो गया और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. घायल बंदी रक्षक ने सदर कोतवाली में साथी बंदी रक्षकों के खिलाफ तहरीर दी थी.
बताया जा रहा है कि जेल में तैनात बंदी रक्षक मुकेश दुबे अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद जेल गेट से बाहर निकला. इसी दौरान पीछे से जेल में ही तैनात पांच बंदी रक्षकों ने उस पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया. इससे बंदी रक्षक घायल हो गया. घायल की चीख पुकार सुनकर उसकी पत्नी और बच्चे उसको बचाने दौड़े. लेकिन, तब तक हमलावर सिपाही मौके से भाग खड़े हुए.
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हमले में घायल सिपाही मुकेश दुबे ने आरोप लगाया कि उसकी ड्यूटी भंडारे में लगी हुई है और जिन लोगों ने हमला किया, वह जेल के अंदर कैंटीन चलाते हैं. पिछले एक महीने से कैंटीन चलाने वाले जेल के सिपाही बराबर दबाव बना रहे थे कि कैदियों को मिलने वाले खाने में गड़बड़ी करो ताकि जेल में बंद बंदी खाना कैंटीन से लें. मुकेश दुबे के मुताबिक उसने ईमानदारी से बंदियों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया. इसी से नाराज होकर जेल गेट के सामने कैंटीन चलाने वाले पांचों बंदी रक्षक ने लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया.