Agra News: ताजनगरी में स्थित चंबल नदी में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी आगरा में चंबल नदी में पहुंच चुका है. ऐसे में नदी किनारे स्थित तटवर्ती गांव में बाढ़ से तबाही का अंदेशा है. जिसको देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद हो चुका है. आसपास के सभी गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. और कर्मचारियों से मुनादी कर लोगों को जानकारी दी जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार देर शाम को कोटा बैराज से करीब 5 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है. ऐसे में पिनाहट घाट पर चंबल नदी में तेज उफान के साथ जल स्तर का बढ़ना शुरू हो गया है. चंबल का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव में बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है. जिसके लिए प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हो चुके हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मचारियों द्वारा मुनादी कर लोगों को जानकारी दी जा रही है.
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प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी दोपहर शाम तक पूरी तरह आगरा में स्थित चंबल नदी पहुंच जाएगा. ऐसे में चंबल नदी के पिनाहट घाट पर स्थित खतरे के निशान 130 पर पानी पहुंच सकता है. जिसकी वजह से नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा और आसपास स्थित गांव में नदी का पानी जा सकता है.
चंबल नदी किनारे स्थित सभी गांव में बाढ़ का खतरा देखते हुए प्रशासन पिनाहट घाट पर मुस्तैद हो गया है. अधिकारियों ने चंबल नदी के तटवर्ती गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. और राजस्व की टीम को भेजकर सभी गांव में मुनादी कराई जा रही है. वहीं ग्रामीणों को चंबल नदी के किनारे ना जाने की हिदायत भी दी गई है.
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एसडीएम बाह रतन वर्मा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी समस्या से निपटने के लिए आठ बाढ़ चौकियां बनाई हैं. वहीं पिनाहट उसेथ घाट पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की यात्रियों को चंबल नदी पार कराने के लिए चलने वाले स्टीमर का संचालन भी बंद कर दिया है. चंबल नदी में बाढ़ आने से पंप हाउस पर स्थित करोड़ों रुपए की तमाम मशीनों में पानी जाने का खतरा रहता है. इसके लिए पंप हाउस पर दीवार का निर्माण किया जा रहा है.
रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत