Lucknow News: यूपी को सिंगल यूज प्लास्टिक व इससे बनी सामग्री के प्रयोग से मुक्त करने के लिए ‘RACE’ अभियान का रविवार को अंतिम दिन था. कार्यक्रम के तहत नगर विकास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जीआईजेड के सहयोग से जनजागरूता अभियान 29 जून से चलाया गया था. अंतिम दिन अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त दिवस के अवसर पर ‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कॉन्क्लेव-2022’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई.
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प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस कार्यशाला का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया भी उपस्थिति रहीं. कार्यशाला की शुरुआत में राष्ट्रगान गाया गया. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के संबंध में वीडियो संदेश सुनाया गया. इस कॉन्क्लेव में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की नवीन तकनीकों एवं प्लास्टिक के विकल्प उत्पादों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. सिंगल यूज प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों पर अनेक स्टार्ट-अप भी पेश किये गए.
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मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग से पर्यावरण असंतुलन के साथ जीव-जंतुओं एवं मनुष्यों के जीवन को गंभीर संकट खड़ा हो गया है. इससे निपटने के लिए पूरी दुनिया में प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के कुशल नेतृत्व में इस संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी रणनीति के साथ कार्य कर रही है. इस कॉन्क्लेव की थीम 3R’s-Reuse, Recycle, Reduse पर पूरी तरह से गंभीर है. उन्होंने लोगों को 3R’s को अपने जीवन में अपनाने की सीख दी. दुनिया में औद्योगिक क्रांति के बाद मशीनों का प्रयोग बढ़ा, नई-नई वस्तुओं का अविष्कार हुआ, जिससे समाज आज चीजों को Reduse करना भूल गया.
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उन्होंने बताया कि रेस अभियान के दौरान 734 नगरीय निकायों द्वारा 5000 कुंतल प्लास्टिक इकट्ठा किया गया है. तीन सर्वश्रेष्ठ नगर निगम को सम्मानित किया. इसमें प्रथम स्थान पर लखनऊ, द्वितीय पर कानपुर नगर तथा तृतीय स्थान पर गाजियाबाद और आगरा को मिलाकर पुरस्कार दिया गया. कॉन्क्लेव के विशिष्ट अतिथि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि इस पांच दिवसीय अभियान में 5,000 कुंतल प्लास्टिक का निस्तारण किया गया. प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल ने होने से 500 वर्ष तक यह नष्ट नहीं होता है और माइक्रो कण मिट्टी, पानी आदि में मिल जाता है और जीवन को नुकसान पहुंचाता है. उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में एक माह के भीतर ही प्लास्टिक के प्रयोग में कमी दिखेगी. उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का विकल्प प्रयोग करने के साथ ही पौधरोपण के दिन पौधे लगाने की भी अपील की.