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Kanpur News: सर्दी बनी जानलेवा, छह दिन में 53 लोगों ने हार्ट अटैक- ब्रेन स्ट्रोक से गवाई जान

Kanpur News: कानपुर में पड़ रही कड़ाके सर्दी कमजोर दिल वालों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. शहर के तापमान में लगातार गिरावट हो रही. जिससे गलन बढ़ गई. वहीं इस समय यहां कार्डियोलॉजी में अटैक और हार्ट डिजीज के रोगियों का सिलसिला जारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 7, 2023 3:37 PM

Kanpur News: कानपुर में पड़ रही कड़ाके सर्दी कमजोर दिल वालों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. शहर के तापमान में लगातार गिरावट हो रही. जिससे गलन बढ़ गई. अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कार्डियोलॉजी में अटैक और हार्ट डिजीज के रोगियों का सिलसिला शुक्रवार देर रात से शाम तक जारी रहा.

इमरजेंसी कंट्रोल रूम की ड्यूटी पर मौजूद डॉ. रश्मि सिंह ने ह्रदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा को जो रिपोर्ट सौंपी, इसके मुताबिक सुबह चार से दोपहर 2 बजे तक 10 मरीज ब्रॉट डेड पहुंचे. जबकि कई मरीजों को इलाज के लिए भर्ती भी किया गया है.

छह दिन 53 मौतें हार्ट अटैक से

कानपुर में ठंड का असर नए साल से इस तरह पड़ा है कि छह दिन में हार्ट अटैक से 53 लोगों की मौत हो गई है. जबकि दिल की बीमारियों से 294 मरीजों को कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया. जहां पर पूरा बेड फुल हो गया है. नौबत यह आ गई है कि अब तो स्ट्रेचर पर ही मरीजों का इलाज करना पड़ रहा हैं.

इन मरीजों की हुई ब्रेन स्ट्रोक से मौत

बता दें कि कानपुर में शुक्रवार को कपकपाती ठंड के कारण चकेरी के एचएन कुमार, कल्याणपुर की शिवानी , घाटमपुर के लल्लन , जाजमऊ के एलसी कुरील, ककवन के अश्विनी सिंह , किदवई नगर के आरकेएम अग्निहोत्री और सजेती के कौशल कटियार की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हो गई. इनमें से पहले तीन मरीजों की मौत हैलट में हुई. जबकि बाकी मरीजों की मौत निजी नर्सिंग होम में हुई.

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कम पड़ गए बेड

लक्ष्मीपत सिंघानिया ह्रदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा के मुताबिक मरीजों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब कार्डियोलॉजी में मौजूदा बेड भी कम पड़ गए हैं. हर किसी को सलाह है कि ठंड में सीने के सिम्टम्स जैसे ही पनपते तो इंतजार नहीं करें. तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं. गंभीर मरीजों के इलाज प्रबंधन में डॉक्टरों को मुश्किल हो रही है. वही हैलट एंड एसोसिएट हॉस्पिटल के एसआईसी प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि हैलट इमरजेंसी में स्ट्रोक के गंभीर मरीजों की भीड़ आ रही है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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