कानपुर : शहर की पुलिस की चुस्ती फुर्ती जानने के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर नकाबपोश लुटेरा बनकर शहर की सडकों पर निकले लेकिन कंट्रोल रुम पर सूचना के बाद भी उन्हें शहर में किसी पुलिसकर्मी ने नहीं रोका और वह लुटेरा बनकर शहर की सडकों पर आराम से मोटरसाइकिल पर घूमते रहे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) माथुर ने पुलिस की इस नाकामी पर आठ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है तथा छह पुलिस थानों के क्षेत्राधिकारियों को चेतावनी दी गयी है.
माथुर ने आज बताया कि कल देर रात उन्होंने शहर की सडकों पर पुलिस की सक्रियता जांचने की योजना बनायी. इसके लिये उन्होंने पहले एक आम आदमी बनकर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी कि वीआइपी रोड पर रेव थ्री मॉल के पास एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्ति पचास हजार रुपये लेकर फरार हो गये हैं. इनमें से एक व्यक्ति काले रंग का हेलमेट लगाये बाइक चला रहा है और दूसरा जींस और टीशर्ट पहनकर पीछे बैठा है तथा उसने चेहरे पर रुमाल बांध रखा है.
उन्होंने बताया कि इसके बाद वह जींस और टीशर्ट पहनकर अपने पीआरओ के साथ बाइक पर बैठकर शहर की सडकों पर निकले. माथुर ने बताया कि पहले तो कंट्रोल रूम से इस लूट की घटना 20 मिनट बाद जारी की गयी. उसके बाद वह रेव थ्री मॉल स्थित घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां उन्हें कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मिला. उसके बाद कंट्रोल रूम की सूचना के बाद भी वह शहर के छह पुलिस स्टेशनों के इलाकों के चौराहों से होकर गुजरे लेकिन उन्हें कहीं भी पुलिस जांच दिखाई नहीं दी.
माथुर ने बताया कि स्वरुपनगर इलाके में एक जगह पुलिस जांच हो भी रही थी लेकिन उनके नकाबपोश होने तथा जीन्स टी शर्ट पहने होना और बाइक पर सवार होने की सूचना कंट्रोल रूम से प्रसारित होने के बावजूद उन्हें वहां चेकिंग प्वाइंट पर किसी पुलिसकर्मी ने नहीं रोका और वह आराम से अपने पीआरओ के साथ चेहरे पर रुमाल ढके वहां से गुजरकर पुलिस कंट्रोल रूम आ गये.
अपनी पुलिस की ऐसी लापरवाही देखकर एसएसपी ने देर रात सभी पुलिस अधिकारियों की बैठक पुलिस लाइन में बुलायी और उन्हें जमकर फटकार लगायी. उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अठ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है तथा जिन छह पुलिस थाना क्षेत्रों से होकर वह नकाबपोश लुटेरा बनकर गुजरे, उनके अधिकारियों को कडी चेतावनी जारी की है.
माथुर ने बताया कि अब वह अक्सर ऐसे ही बाइक पर सवार होकर रात के अंधेरे में शहर के पुलिसकर्मियों की जांच करेंगे. उन्होंने एसपी कंट्रोल रूम को इस बात की भी जांच करने के आदेश दिये हैं कि आखिरकार कंट्रोल रूम पर लूट की सूचना दिये जाने के बीस मिनट बाद उसे क्यों प्रसारित किया गया, तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई.