तलाक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा ऐलान
लखनऊ : आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और संबद्ध संगठनों ने एक ही मौके पर तीन बार तलाक कहे जाने को ‘एक बार कहा’ मानने संबंधी गुजारिश को लगभग ठुकराते हुए आज कहा कि कुरान और हदीस के मुताबिक एक बार में तीन तलाक कहना हालांकि जुर्म है लेकिन इससे तलाक हर हाल में […]
लखनऊ : आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और संबद्ध संगठनों ने एक ही मौके पर तीन बार तलाक कहे जाने को ‘एक बार कहा’ मानने संबंधी गुजारिश को लगभग ठुकराते हुए आज कहा कि कुरान और हदीस के मुताबिक एक बार में तीन तलाक कहना हालांकि जुर्म है लेकिन इससे तलाक हर हाल में मुकम्मल माना जायेगा और इस व्यवस्था में बदलाव मुमकिन नहीं है.
हम तो यह देखते हैं कि कुरान शरीफ, हदीस और सुन्नत क्या कहती है. इस्लाम में एक ही मौके पर तीन बार तलाक कहना अच्छा नहीं माना गया है लेकिन इससे तलाक मुकम्मल माना जायेगा. इस व्यवस्था में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है. कुरैशी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने पिछले हफ्ते मुल्क के तमाम उलमा के नाम एक सवालनामा भेजा है, जिसमें कहा गया है कि एक वक्त में तीन तलाक कहने वालों को क्या जुर्माने की कोई सजा दी जा सकती है.
इस बीच, बरेलवी मसलक के मुख्य केंद्र दरगाह आला हजरत की मजहबी और समाजी मामलों की इकाई जमात रजा-ए-मुस्तफा के महासचिव मौलाना शहाबउद्दीन ने बताया कि एक बार में तीन तलाक कहने को अमान्य किये जाने की मांग पहले भी उठ चुकी है लेकिन हनफी, शाफई, मालिकी और हम्बली समेत चारों मसलक के धर्मगुरओं ने तय किया है कि एक बार में तीन दफा तलाक कहे जाने से तलाक मुकम्मल माना जाये.