लखनऊ : निलंबित आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने दावा किया है कि ठाकुर को टेलीफोन पर कथित रूप से धमकी देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. इस मामले को लेकर आज यहां हजरतगंज थाने में काफी नाटक हुआ. नूतन ठाकुर ने आज यहां जारी बयान में दावा किया है कि निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिताभ ठाकुर आज 11 बजे ही सपा मुखिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के विरोध में हजरतगंज थाने पर धरने पर बैठ गये. मगर उन्हें किसी भी पुलिस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि नगर पुलिस अधीक्षक राजीव मल्होत्रा समेत सभी अधिकारी यही कहते रहे कि ‘गोपनीय रिपोर्ट’ अदालत को भेजी जा चुकी है. हालांकि, इस संबंध में बहरहाल कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सका. नूतन ने दावा किया है कि अमिताभ ठाकुर ने प्राथमिकी की फोटो कापी उपलब्ध कराने की मांग की, जिस पर उन्हें यह कहा गया कि कापी अदालत से मिलेगी. उन्होंने बताया कि इसके बाद अमिताभ ठाकुर पुलिस महानिदेशक कार्यालय गये और इस संबंध में अमिताभ ने कार्यवाहक वीपी सिंह से लिखित शिकायत भी की है.
कल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड और न्यायामूर्ति एस एन शुक्ला की सदस्यता वाली खंडपीठ को प्रदेश सरकार ने आश्वस्त किया था कि यदि अब तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है, तो वह तत्काल करायी जायेगी. गौरतलब है कि आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा टेलीफोन पर कथित रूप से धमकी दिये जाने के बाद 11 जुलाई को हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तहरीर दी थी. हजरतगंज पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर उन्होंने सीजेएम सोम प्रभा मिश्रा की अदालत में अर्जी दी थी और 14 सितंबर को इस संबंध में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि उन्हें सूचना मिली है कि 24 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज हो गयी है.