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जाने क्यों अखलाक के गांव बिसहाड़ा नहीं गए सीएम अखिलेश यादव

गाजियाबाद: यूपी के दादरी के बिसहाड़ा गांव में बीफ खाने की अफवाह फैलने के बाद पीट-पीटकर मार डाले गए मोहम्मद अखलाक के परिवार ने आज सूबे के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. यह मुलाकात लखनऊ में हुई. राजनीतिक पंडितों की माने तो अखिलेश यादव सिर्फ इसलिए नोएडा नहीं गए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2015 2:16 PM

गाजियाबाद: यूपी के दादरी के बिसहाड़ा गांव में बीफ खाने की अफवाह फैलने के बाद पीट-पीटकर मार डाले गए मोहम्मद अखलाक के परिवार ने आज सूबे के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. यह मुलाकात लखनऊ में हुई. राजनीतिक पंडितों की माने तो अखिलेश यादव सिर्फ इसलिए नोएडा नहीं गए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जिस सीएम ने भी यहां का दौरा किया है उसकी कुर्सी चली गयी है.

वहीं दूसरी ओर, एक अंग्रेजी अखबार ने पुलिस के हवाले से खबर छापी है कि हमले की साजिश एक होमगार्ड ने रची थी जिसे हिरासत में लिया गया है. इस होमगार्ड की अखलाक से पहले से ही कोई रंजिश थी. होमगार्ड सोमवार की रात वर्दी में मंदिर पहुंचा और पुजारी को धमकाकर यह एलान करवाया कि अखलाक का परिवार गाय का मांस खाता है जिसके बाद मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना हुई.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गोमांस खाने की अफवाह को लेकर दादरी में एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या करने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. यहां एक समारोह से इतर राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. लेकिन इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं होगा.’ गृह मंत्री ने कहा कि किसी को भी इस घटना को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.’ बहरहाल, दादरी का बिशदा गांव अभी भी राजनीति का केंद्र बना हुआ है जहां एक मंदिर से उस घोषणा के बाद कि बछडे का वध किया गया और उस परिवार ने गोमांस खाया.

भीड ने 50 वर्षीय अखलाक की पीट पीट कर हत्या कर दी. भीड ने उसके 22 वर्षीय बेटे दानिश पर भी हमला किया और वह अभी अस्पाताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है. देशभर में इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. कई दल भाजपा पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि यह हत्या घृणा की राजनीति का परिणाम है. स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने दावा किया है कि यह ‘‘दुर्घटना’ है और उन आरोपों को खारिज किया है कि यह पूर्वनियोजित था.

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