बिहार में अब पिछड़ों पर नहीं ”बछड़ों” पर हो रही है बहस : आजम खान

लखनऊ : दादरी मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर घटना के नौवें दिन भी बयानों का दौर जारी है. इसी कड़ी में मुसलमानों के हक के लिए यूनाइटेड नेशन में शिकायत की बात करने वाले उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आजम खान पर शिव सेना ने अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 12:54 PM

लखनऊ : दादरी मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर घटना के नौवें दिन भी बयानों का दौर जारी है. इसी कड़ी में मुसलमानों के हक के लिए यूनाइटेड नेशन में शिकायत की बात करने वाले उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आजम खान पर शिव सेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए निशाना साधा है. शिव सेना के इस लेख का जवाब आजम खान ने देते हुए कहा कि मुझे संविधान पर भरोसा है इसलिए मैं देश में शांति चाहता हूं. सामना एक फासीवादी पत्रिका है. मैं इसपर ध्‍यान नहीं देता.

आजम खान ने कहा कि हम समाज में अकेले नहीं रह सकते हैं. हम यूएन के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि बदायूं की घटना जब हुई तो उसे संयुक्त राष्ट्र संघ के परिदृश्य में लाया गया था. क्या दुनिया नहीं जानती है कि इसमें आरएसएस का हाथ है? आजम खान ने फिर अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि होटलों में भी बीफ परोसा जाता है. लोग उन्हें क्यों नहीं टारगेट बनाते हैं. इस मामले पर केवल मुस्लिमों को निशाना बनाया जाता है. आखिर हमलोग कहां जायें?

बिहार चुनाव पर बोलते हुए आजम खान ने कहा कि बिहार में अब पिछड़ों की नहीं बछड़ों की बहस हो रही है. आपको बता दें कि बिहार विस चुनाव में समाजवादी पार्टी अलग मोर्चा बनाकर लड़ रही है. महागंठबंधन के द्वारा पांच सीट दिए जाने से नाराज सपा ने अलग मोर्चा बना लिया है.

गौरतलब है कि आज शिवसेना ने मुखपत्र सामना में आजम खान को देशद्रोही बताते हुए उन्हें सपा से निकाले जाने की मांग तक रख दी है. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि आजम खान दादरी मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाने की बात कर रहे हैं. इसका अर्थ यह है कि वह देशद्रोही हो गए है.

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