दादरी मामले को UN में उठाने पर आमादा हैं आजम खान, देंगे इस्‍तीफा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान दादरी कांड को और अधिक तुल देने पर आमादा हैं. आजम खान का कहना है कि वह मामले को संयुक्‍त राष्‍ट्र में जरुरी ले जायेंगे, चाहे इसके लिए उन्‍हें मंत्री पद ओर पार्टी से इस्‍तीफा ही क्‍यों ना देना पड़े. आजम खान द्वारा पूर्व में मामले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 10:13 AM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान दादरी कांड को और अधिक तुल देने पर आमादा हैं. आजम खान का कहना है कि वह मामले को संयुक्‍त राष्‍ट्र में जरुरी ले जायेंगे, चाहे इसके लिए उन्‍हें मंत्री पद ओर पार्टी से इस्‍तीफा ही क्‍यों ना देना पड़े. आजम खान द्वारा पूर्व में मामले को यूएन ले जाने की बात पर मुख्‍यमंत्री अखिलेश ने कहा था कि यह मामला घर का है, घर में इसका हल निकालना होगा. मामले को यूएन में ले जाना अच्‍छा नहीं है. उन्‍होंने आजम खान को भी मना किया था कि वे मामले को यूएन में ना ले जाएं. लेकिन तमाम विरोधों के बाद भी आजम खान मानने को तैयार नहीं हैं. उन्‍होंने सपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वे मामले को यूएन में ले जायेंगे और अगर उन्‍हें रोकने का प्रयास किया जायेगा तो वे इस्तीफा दे देंगे. दादरी कांड को यूएन में ले जाने के मामले में पार्टी का विरोध झेल रहे अखिलेश सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान ने कहा कि अगर मंत्री पद जाता है, तो चला जाए. उन्‍होंने कहा कि पार्टी जब चाहे उन्‍हें काफिले से अलग कर दे.

पूर्व में क्या कहा था आजम खान ने

आजम खां ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर देश में ‘मुसलमानों के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम’ को रोकने के लिये हस्तक्षेप की मांग करने की धमकी दी थी. आजम खान ने दादरी मामले पर विवादित बयान देकर मामले को गर्म करने का आरोप है. आजम खान ने अपने बयान कह चुके हैं कि विरोधियों को बीफ बेचने वाले होटलों को बाबरी की तरह तोड़ देना चाहिए. वे कह चुके हैं कि गंगा-जमुना तहजीब वाले इस देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा अन्य फांसीवादी ताकतें मुल्क के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करके इसे हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती हैं. केंद्र की मौजूदा सरकार ने इस ताने-बाने को बनाये रखने की शपथ तो ली थी लेकिन उसका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे उस कट्टरपंथी संगठन की तरफ है जो देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिये 40 अन्य सम्बद्ध संगठनों के जरिये काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि देश में फांसीवादी ताकतें मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने का अभियान चलाकर समाज में खाई तैयार करना चाहती हैं. हाल में दादरी में गोवध के आरोप में अखलाक नामक व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना इस मंसूबे की ताजा मिसाल है.

क्‍या है मामला

28 सितंबर को गौमांस खाने की अफवाह के बाद अखलाक की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी. अखलाक का छोटा बेटा दानिश भीड के हमले में गंभीर रुप से घायल हुआ. इस परिवार पर बीफ पकाने को लेकर हमला किया गया था. इस घटना के बाद नेताओं की ओर से कई विवादित बयान अबतक आ चुके हैं और मामले पर राजनीति काफी गर्म है. राज्य सरकार ने अखलाक के परिवार को मुआवजे के तौर पर 45 लाख की राशि सौंपी है.

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