अलीगढ : पेरिस पर हाल में हुए आतंकवादी हमले को क्रिया की प्रतिक्रिया बताने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने पश्चिमी देशों को सलाह दी है कि अगर वे दहशतगर्दी के खिलाफ जंग वाकई जीतना चाहते हैं तो पहले उन्हें इस बुराई की जड़ तलाशनी होगी. खां ने यहां एक निजी कार्यक्रम में शिरकत से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘किसी भी सामाजिक टकराव में क्रिया और प्रतिक्रिया की बात लागू होती है और दुनिया में आतंकवाद की बढती घटनाओं के मामले में भी यही चीज आती है.’ उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह दुनिया में आतंकवाद से मुकाबले के मामले में दोहरे पैमाने ना अपनाये. पश्चिमी देशों को अगर आतंक के खिलाफ लडाई को वाकई जीतना है तो उन्हें इसकी जड़ को तलाशना होगा.
खां ने कहा ‘जब भारत समेत विभिन्न पूर्वी देशों में आतंकवादी हमलों में अनेक कीमती जानें जाती हैं तो पश्चिमी मुल्कों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती लेकिन जब ऐसी ही घटनाओं में उनके लोगों की जान जाती है तो वे भडक उठते हैं. क्या हमारी जानों की कीमत उनकी जानों के मोल से कम है.’ गौरतलब है कि खां ने हाल में पेरिस पर हुए खौफनाक आतंकवादी हमले को पिछले दिनों पश्चिमी देशों द्वारा तेल के कुओं पर कब्जे के लिये अरब मुल्कों को बरबाद किये जाने की प्रतिक्रिया करार दिया था. उनके इस बयान पर विवाद पैदा हो गया था.
हिन्दुस्तान को मुसलमानों के लिये सबसे सुरक्षित देश बताने वाले जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी पर तन्ज करते हुए नगर विकास मंत्री ने कहा ‘धर्मगुरुओं को सियासत में नहीं पड़ना चाहिये. उन्हें अपने मसायल देखने चाहिये और राजनीति छोड देनी चाहिये. हम उनके मामलों में तो कभी दखलंदाजी नहीं करते.’ गत 12 नवम्बर को अलीगढ के देहलीगेट क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक झडप में मारे गये गौरव नामक युवक के परिजन को दादरी कांड के शिकार हुए अखलाक के परिजन जितना ही मुआवजा दिये जाने की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर खां ने कहा ‘गौरव को खोना बहुत दुखद है और उसके परिवार को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाना चाहिये, लेकिन दादरी की घटना से इसकी तुलना करना सही नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि दादरी कांड तो मुल्क के चेहरे पर बदनुमा दाग है.’