पीएम नरेंद्र मोदी का मिशन वाराणसी, बीते 8 बरसों में देखते ही देखते बदल गई काशी की काया
वाराणसी के सांसद के रूप में PM नरेंद्र मोदी ने यहां के विकास का पूरा ध्यान रखा. मंडु़वाडीह फ्लाईओवर, कनवेंशन सेंटर सहित कई सौगात यहां के लोगों को मिल चुकी हैं. ऊर्जा गंगा पीएनजी परियोजना, रिंग रोड फेज-1, बाबतपुर-वाराणसी फोर लेन, आईपीडीएस, कबीरचौरा के पास हेरिटेज वॉक सहित कई काम पूरे हो चुके हैं.
8 Years Of Modi Government: देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी केंद्र में अपने कार्यकाल का आठ साल पूरा कर रहे हैं. इस बीच वाराणसी विकास की नई राह पर चल पड़ा है. केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद यहां योजनाओं और परियोजनाओं की खूब सौगात मिली है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कई परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. कुछ जल्द पूरी होने वाली हैं. पेश है वाराणसी संवाददाता विपिन सिंह की स्पेशल रिपोर्ट…
इन योजनाओं से बदली काया
वाराणसी के सांसद के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां के विकास का पूरा ध्यान रखा. मंडु़वाडीह फ्लाईओवर, कनवेंशन सेंटर सहित कई सौगात यहां के लोगों को मिल चुकी हैं. ऊर्जा गंगा पीएनजी परियोजना, रिंग रोड फेज-1, बाबतपुर-वाराणसी फोर लेन, आईपीडीएस, कबीरचौरा के पास हेरिटेज वॉक सहित कई काम पूरे हो चुके हैं. इनके अलावा आईडब्ल्यूटी मल्टी मॉडल टर्मिनल रामनगर, इंटर मॉडल स्टेशन, ग्रामों व मजरों का विद्युतीकरण, वाराणसी जल संपूर्ति योजना, चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर, दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में 50 बेड का महिला चिकित्सालय भवन, बाबतपुर- बलुआ ब्रिज मार्ग का चौड़ीकरण, 140 एमएलडी एसटीपी दीनापुर, गोइठहां और रमना का क्षमता विस्तार जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी नई विकास की गाथा गढ़ रही हैं.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
काशी के सांसद नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर वाराणसी के लिए सबसे बड़ी सौगात रही है. काशीवासियों के लिए बाबा विश्वनाथ मंदिर को और भव्यता प्रदान करने और उसके साथ हर तरह की सुविधा विकसित करने का बीड़ा पीएम मोदी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ उठाया. इसके फलस्वरूप कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर, मणिकर्णिका घाट और ललिता घाट के बीच 25,000 स्क्वायर वर्ग मीटर में बन कर खड़ा है. इसके तहत फूड स्ट्रीट, रिवर फ्रंट समेत बनारस की तंग गलियों का चौड़ीकरण का काम भी चल रहा है. प्रधानमंत्री खुद विस्तारीकरण व सुंदरीकरण के कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का पहले चरण में प्रयास है कि मुख्य मार्ग से बाबा के शिखर के दर्शन-पूजन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाए. मंदिर प्रशासन ने रास्ते में बने तमाम मकानों को अधिग्रहित किया है. उन्हें तेजी से हटाया जा रहा है. मंदिर से गंगा घाट तक 10 से 15 मीटर चैड़ा पाथ-वे का निर्माण कराया जा रहा है. पीएम मोदी का कहना है कि मंदिर में श्रद्धालुओं का स्वागत इस प्रकार हो कि लोग बार-बार आने को उत्साहित हों. इस कॉरिडोर पर 600 करोड़ रुपये की लागत आ रही है. इसके अलावा घाटों का सौंदर्यीकरण और स्मार्ट सिटी के तहत कई परियोजनाएं यहां के विकास को चार चांद लगा रही हैं.
धीरे-धीरे पूर्वांचल का बिजनेस हब भी बना दिया
काशी के सांसद पीएम मोदी ने पिछले 8 साल में इस शहर को धीरे-धीरे पूर्वांचल का बिजनेस हब भी बना दिया है. जाहिर है इस तेजी से बढ़ते शहर की जरूरत एक बड़े व आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की है. रोड से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट, नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट फैसिलीटीज तक जापान के सहयोग से बन रहे कनवेंशन सेंटर से लेकर सिटी कमांड के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट तक, अंडरग्राउंड केबलिंग से लेकर कार्गो सेंटर तक, किसी मेगा सिटी का कनसेप्ट देता है तो वहीं साफ-सुथरे बनारस के चकाचक घाट, उन पर लगे हेरिटेज लाइट, गलियों और चौराहों की साफ सफाई, दीवारों की पेंटिंग और काशी के स्वामी बाबा विश्वनाथ मंदिर के आस-पास गलियारे का निर्माण और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए भवनों का कायाकल्प बनारस की जरूरत और शोहरत दोनों को पूरा करता है.
बाबतपुर-वाराणसी हाईवे
बाबतपुर-वाराणसी हाईवे 17.6 किलोमीटर लंबा है. इस हाइवे को गेटवे ऑफ बनारस कहा जा रहा है. बनारस के किसी भी क्षेत्र से बाबतपुर हवाई अड्डे तक पहुंचने का यह मार्ग ब्रांड बनारस की पहचान बन गया है. इस हाईवे के बनने से विदेशी मेहमानों की आवक पहले से काफी बढ़ गई है. मल्टी मोडल टर्मिनल इस योजना के द्वारा गंगा में जल परिवहन के जरिये बनारस से हल्दिया तक मालवाहक जहाज भेजने के लिए रामनगर में स्थापित किया गया है. मल्टी मोडल टर्मिनल का शुरू होना किसी सपने के सच होने जैसा लगता है. स्वतंत्र भारत में यह इनलैंड वाटर परिवहन का पहला प्रोजेक्ट है. इसका गौरव वाराणसी को मिला है. प्रधानमंत्री ने नवंबर 2018 में जब इसका उद्घाटन किया तो उन्होंने कहा था, ‘काशी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बनने जा रही है.’
काशी की दीवारों संस्कृति
अब काशी की दीवारें संस्कृति और धरोहर से पर्यटकों को रूबरू करा रही हैं. भारत रत्न से लेकर काशी के कलाकार और महापुरुषों के चित्र दीवारों पर जीवंत से दिखते हैं. काशी के सांसद पीएम मोदी ने इसका नाम हृदय दिया है. अस्सी घाट, दुर्गाकुंड, कबीरचैरा, लहुराबीर, डीरेका, नरिया आदि जगहों बनी कलाकृतियों में कहीं गंगा घाट, विश्वनाथ मंदिर तो लहुराबीर में क्वींस कॉलेज की दीवारों पर चरखा चलाते बापू, शहनाई बजाते भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां दिख रहे हैं. मैदागिन स्थित टाउन हाल न सिर्फ अपने पुराने स्वरूप में लौट आया है बल्कि वहां अब कई तरह की सांस्कृतिक आयोजन भी किया जा रहा है. हाल ही में मोदी फेस्ट आयोजित किया गया था. इसके जरिये वाराणसी के लोग अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री से सीधे जुड़े हैं. अमृत महोत्सव के तहत शहर में करोड़ों रुपये से जहां पेयजल-सीवर का काम कराया जा रहा है. वहीं, नगर निगम सात पार्कों का सुंदरीकरण भी कर रहा है. पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास कर दिया है. नगर निगम वीडीए पार्कों का भी सुंदरीकरण करेगा.
ऐसे काशी बनेगी स्मार्टसिटी
स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत पांच पार्कों को थीम के आधार पर विकसित किया जा रहा है. सेल्फी थीम पर शास्त्री नगर पार्क, गुलाबबाड़ी की तर्ज पर गुलाब बाग पार्क, सौर ऊर्जा पर आधारित मच्छोदरी पार्क और शेड एंड लाइट शो की थीम पर रवींद्रपुरी पार्क का विकास कराया जाएगा. इसके अलावा अन्य योजनाओं के तहत कराए जा रहे कार्य…
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362 करोड़ की लागत से बिजली के तारों को अंडरग्राउंड कराया जा रहा है.
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253 करोड़ रुपये की लागत से बारिश की निकासी के लिए नाले का निर्माण.
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158 करोड़ की लागत से वाराणसी के लिए गैस पाइप लाइन.
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134 करोड़ रुपये की लागत से पीने के पानी की पाइप लाइन.
स्वच्छता अभियान
वाराणसी एक ऐसा शहर है जिसे उसके ऐतिहासिक घाटों और धार्मिक पूजा स्थलों के लिए जाना जाता है. मगर साफ-सफाई का अभाव अक्सर इन स्थानों के रूप और सौंदर्य को बिगाड़ देता है. नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यात्रा के दौरान स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाया. प्रधानमंत्री ने वाराणसी में गंगा नदी के किनारे अस्सी घाट पर गंदगी को दूर करने के लिए श्रमदान में हिस्सा लेकर इस अभियान की शुरुआत की. उन्होंने इस अभियान में शामिल होने और एक स्वच्छ भारत बनाने में योगदान देने के लिए नौ जाने माने लोगों को नामित भी किया. विकास परियोजनाओं के उद्घाटन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री अगली बार सुशासन दिवस के अवसर पर वाराणसी आए. उन्होंने एक बार फिर झाडू थामी और अस्सी घाट के नजदीक जगन्नाथ मंदिर पर सफाई अभियान में हिस्सा लिया.
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
शिवलिंग की आकृतिनुमा बना यह कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में स्थित है. इसका नाम वाराणसी शहर के मिजाज के अनुरूप ही है. इस कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए हैं. सनातन परंपराओं के मुताबिक रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते हैं. रुद्राक्ष में सीसीटीवी का जगह-जगह इस्तेमाल किया गया है ताकि सुरक्षा मुस्तैद रहे. इसका निर्माण 10 जुलाई 2018 से शुरू हुआ था लेकिन अब भारत-जापान की सहभागिता और दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष बनकर पूरा तैयार हो चुका है.