दयाशंकर के बयान से ‘पुनर्जीवित’ हुई बसपा
भाजपा के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कल बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना ‘वेश्या’ से कर दी. दयाशंकर के इस बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गयी है. कल यह मामला राज्यसभा में उठा तो अरुण जेटली ने बयान की पुरजोर निंदा की और खेद व्यक्त किया. पार्टी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए […]
भाजपा के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कल बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना ‘वेश्या’ से कर दी. दयाशंकर के इस बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गयी है. कल यह मामला राज्यसभा में उठा तो अरुण जेटली ने बयान की पुरजोर निंदा की और खेद व्यक्त किया. पार्टी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दयाशंकर को तमाम पदों से हटा दिया और छह साल के लिए पार्टी से भी निकाल दिया है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि दलित मुद्दों पर पहले से ही घिरी भाजपा की परेशानी और बढ़ गयी है. दलितों के बीच इस बयान के बाद गलत मैसेज तो गया ही है.
पुनर्जीवित हुई बसपा
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कई बड़े नेताओं ने बसपा का साथ छोड़ दिया था, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी प्रमुख हैं. इससे पार्टी कुछ कमजोर होती नजर आ रही थी, लेकिन दयाशंकर सिंह के बयान से पार्टी को नयी एनर्जी मिल गयी है और वह पुनर्जीवित सी हो गयी है. राजनीति के जानकारों का मामना है कि दयाशंकर सिंह के बयान से दलित एकजुट होंगे, जिसका फायदा निश्चितरूपेण आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा को मिलेगा. लखनऊ में बसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आये हैं और विरोध प्रदर्शन जारी है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि बसपा इस मुद्दे को मरने नहीं देगी और विधानसभा चुनाव तक जीवित रखेगी, जिसका उसे सौ फीसदी फायदा मिलेगा.
बैकफुट पर है भाजपा
दयाशंकर सिंह के बयान का मुद्दा जब कल राज्यसभा में उठा, तो अरुण जेटली को खेद प्रकट करना पड़ा. जेटली ने बयान की निंदा की और तत्काल उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. कार्रवाई की भी गयी, बावजूद इसके सरकार घिरी हुई है. वह किसी भी तरह बयान को जस्टिफाई नहीं कर सकती है और इससे पार्टी की छवि बिगड़ रही है इसमें कोई दो राय नहीं है.