उत्तर प्रदेश में स्त्री के सम्मान की आड़ में राजनीति हो रही है. प्रदेश भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी की उसके बाद तो जैसे बसपा कार्यकर्ताओं में प्राणवायु का संचार हो गया और वे सड़कों पर उतर आये. यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी जो होनी ही थी, लेकिन इस विरोध प्रदर्शन में जो कुछ हुआ और जिस तरह दयाशंकर सिंह की बेटी और पत्नी पर अभद्र टिप्पणी की उसके बाद भाजपा भी आक्रामक हो गयी है और नये स्लोगन ‘बेटी के सम्मान में, बीजेपी मैदान में’ के साथ आज पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रही है.
दयाशंकर सिंह की बेटी का क्या है कसूर
बसपा के कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह के बयान के विरोध में प्रदर्शन तो किया, लेकिन इस प्रदर्शन में एक बार फिर स्त्री के सम्मान का मर्दन हुआ. इस बार बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें बोलते हुए नारेबाजी की. यहां तक कि उनकी 12 साल की बेटी को भी नहीं छोड़ा गया. लेकिन सवाल यह है कि उस 12 साल की बेटी का इस तमाम मामले में क्या दोष है. आखिर क्यों उसे इस झमेले में घसीटा जा रहा है. दयाशंकर सिंह की पत्नी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, दयाशंकर सिंह ने गलतबयान दिया, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई, पद से हटाया गया, पार्टी से हटाया गया. लेकिन मेरी बेटी का क्या दोष उसे क्यों प्रताड़ित क्या जा रहा है. वह डरी हुई है. सदमे में है.
बसपा के विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा का नया स्लोगन
मायावती पर दयाशंकर सिंह की अभद्र टिप्पणी के बाद भाजपा बैकफुट में आ गयी थी , लेकिन बसपा के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में जिस तरह का आचरण दिखाया, उससे भाजपा भी आक्रमण की मुद्रा में आ गयी है और नया स्लोगन बना लिया है ‘बेटी के सम्मान में, बीजेपी मैदान में’. आज इस स्लोगन के साथ पूरे देश में भाजपा प्रदर्शन करेगी. साथ ही भाजपा यह मांग भी कर रही है कि दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की अविलंब गिरफ्तारी हो और उन्हें बसपा से निष्कासित किया जाये. साथ ही भाजपा नेता गवर्नर से भी मिलेंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे. भाजपा अब यह मांग कर रही है कि मायावती सिद्दीकी के बयान के लिए माफी मांगें.
दयाशंकर के बयान से ध्यान हटाने के लिए भाजपा चल रही है चाल
बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की मां की तरफ से पार्टी नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे में लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ सिंह की ‘अभद्र’ टिप्पणी से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा की चाल है.
सिद्दीकी से जब यह पूछा गया टिप्पणी पर क्या खेद व्यक्त करेंगे, उन्होंने कहा, ”हमारी मंशा गलत नहीं थी, इसलिए खेद प्रकट करने की कोई जरुरत नहीं समझते.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले भाजपा ने एक साजिश के तहत गुजरात के उना में दलितों के उत्पीड़न से उपजे आक्रोश से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सिंह से बसपा मुखिया के खिलाफ अभद्र बयान दिलवाया और जब मामला उसके खिलाफ जाने लगा तो उनकी पत्नी और परिवार को आगे करके मामले को नया मोड़ देने की कोशिश की है.