वेस्ट यूपी की कमान अब अतर सिंह राव के हाथ, कैडर वोटर्स को लुभाने में जुटी मायावती
लखनऊ : दयाशंकर सिंह प्रकरण ने बसपा में नयी जान फूंक दी है. अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर बसपा ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में मायावती ने वेस्ट यूपी की कमान एमएलसी अतर सिंह राव को दे दी गयी है. राव दलितों को संगठित करने के मुहिम में जुटेंगे, वहीं […]
लखनऊ : दयाशंकर सिंह प्रकरण ने बसपा में नयी जान फूंक दी है. अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर बसपा ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में मायावती ने वेस्ट यूपी की कमान एमएलसी अतर सिंह राव को दे दी गयी है. राव दलितों को संगठित करने के मुहिम में जुटेंगे, वहीं नसीमुद्दीन को यह प्रभार सौंपा गया है कि वे पूरे प्रदेश के मुसलमानों को बसपा की ओर करें. राव से पहले नसीमुद्दीन वेस्ट यूपी का काम देख रहे थे. लेकिन दयाशंकर सिंह प्रकरण में नसीमुद्दीन का नाम उछलने पर पार्टी ने उनकी भूमिका पर पुनर्विचार किया है.
दलित वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश
लोकसभा चुनाव के दौरान दलित वर्ग बसपा के साथ नहीं रहा था और उसका झुकाव भाजपा की ओर हो गया था. लेकिन बसपा अब फिर से उन्हें अपने साथ लाना चाहती है. यही कारण है कि अतर सिंह राव को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वह दलित वर्ग को अपने साथ लाने की मुहिम में जुट जाये.
मुसलमानों को भी साधने का प्रयास
मुसलमानों का बसपा के प्रति ‘साफ्ट कॉर्नर’ रहा है. इस बात का फायदा उठाने के लिए मायावती ने नसीमुद्दीन को यह जिम्मेदारी दी है कि वह प्रदेश के मुसलमानों को साधे. इसी प्रयास के तहत मायावती ने कल मंदसौर में मुस्लिम महिलाओं के साथ हुई मारपीट की घटना को मजबूती के साथ राज्यसभा में उठाया, ताकि मुसलमानों के बीच बसपा की पोजिटीव इमेज क्रियेट हो.