Loading election data...

उत्तर प्रदेश : प्रशांत किशोर का पहला दांव हिट, अब जीत की हैट्रिक लगाने पर जोर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कल राहुल गांधी ने ‘27 साल यूपी बेहाल’ रैली को संबोधित किया. यह उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की योजना का हिस्सा था. इस उद्‌घोष कार्यक्रम में जिस तरह से कार्यकर्ता पहुंचे और बारिश के बावजूद हिले नहीं उसे प्रशांत किशोर की सफलता के रूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2016 11:10 AM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कल राहुल गांधी ने ‘27 साल यूपी बेहाल’ रैली को संबोधित किया. यह उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की योजना का हिस्सा था. इस उद्‌घोष कार्यक्रम में जिस तरह से कार्यकर्ता पहुंचे और बारिश के बावजूद हिले नहीं उसे प्रशांत किशोर की सफलता के रूप में देखा जा रहा है. अब सवाल यह है कि प्रशांत किशोर ने आगाज तो सफलता के साथ किया है तो अंजाम कैसा होगा?

कार्यकर्ताओं को लुभाने में कामयाब रहे राहुल गांधी
राहुल गांधी जब रैंप की तरह बने मंच पर पहुंचे, तो सबसे पहले उन्होंने ‘फ्लाइंग किस’ करके कार्यकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, फिर वे लगातार रैंप पर घूम-घूमकर बोलते रहे और कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब भी दिया. राहुल ने ब्लू जींस पर सफेद कुर्ता पहना था और लोगों से संपर्क साधने में पूरी तरह सफल रहे. जब राहुल वहां पहुंचे उस वक्त बारिश तो नहीं हो रही थी, लेकिन उससे पहले बारिश हुई थी और कार्यकर्ता भींगे हुई थे. इसपर राहुल ने कहा काश एक बार फिर बारिश हो जाये और मैं भी आपकी तरह भींग जाऊं.
‘पीके’ की रणनीति रही हिट, अब आगे की योजना पर विचार
लोकसभा चुनाव 2014, फिर बिहार विधान सभा चुनाव और अब उत्तर प्रदेश चुनाव के रणनीतिकार बने प्रशांत किशोर जीत की हैट्रिक लगाने में जुटे हैं. उनके कहने से ही शीला दीक्षित को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस की उद्‌घोष रैली भी सफल रही. अब पीके चाहते हैं कि प्रियंका गांधी को प्रचार की कमान सौंपी जाये, हालांकि अभी तक इस मामले में पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह प्रचार करेंगी या नहीं. लेकिन उम्मीद है कि वह प्रचार की कमान संभालेंगी जिसके कारण कांग्रेसियों में उत्साह है. प्रशांत किशोर रणनीति बनाने में तो जुटे हैं अब देखना है कि पस्त हो चुकी कांग्रेस की नैया को वे कहां तक ले जा पाते हैं
प्रियंका गांधी संभाल सकती हैं प्रचार की कमान
लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की हार के बाद से प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारने की मांग होती रही है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से रजामंदी नहीं आयी है. ऐसी चर्चा होती है कि उनके आने से राहुल गांधी के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जायेगा, यही कारण है कि अबतक वह खुद को अमेठी और रायबरेली तक ही सीमित करके रखती हैं. लेकिन इस बार वह बंधन तोड़ेंगी ऐसी उम्मीद है, उनमें इंदिरा गांधी की झलक है और वह लोगों से संपर्क साधने में माहिर भी हैं, इसलिए उनके आने से कांग्रेस को फायदा होगा यह कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी जानते हैं.

Next Article

Exit mobile version