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उत्तर प्रदेश: सपा के तीन, बसपा के दो और कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में शामिल

लखनऊ : आज समाजवादी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो और कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गये. उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कुल आठ विधायक भाजपा में शामिल हुए. इस अवसर पर मौर्य ने कहा कि अभी कुछ […]

लखनऊ : आज समाजवादी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो और कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गये. उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कुल आठ विधायक भाजपा में शामिल हुए. इस अवसर पर मौर्य ने कहा कि अभी कुछ और विधायक पार्टी में शामिल होंगे. इससे पहले यह खबर आज रही थी आज कांग्रेस के आठ विधायक भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन आज कुल तीन ही विधायक भाजपा के साथ आये. यह आठों विधायक वहीं हैं, जिन्होंने राज्यसभा की वोटिंग के समय क्रॉस वोटिंग की थी.

हालांकि उस वक्त 11 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिनमें से तीन विधायकों ने कल कांग्रेस का हाथ छोड़कर बसपा का थाम लिया. बसपा के साथ जाने वाले यह तीनों विधायक मुस्लिम थे, जिनमें से काजिम अली रामपुर से, दिलनवाज खां बुलंदशहर से और मोहम्मद मुस्लित तिलोई अमेठी से विधायक हैं.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष फरवरी-मार्च में होना है, यही कारण है कि सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुटे हैं और अपने-अपने कैडर वोटर्स को भी समेटने में जुटे हैं. ऐसे में कई ऐसे आयाराम-गयाराम भी हैं, जो उस ओर जाने के लिए तैयार बैठे हैं, जिसका पलड़ा भारी हो. इसी क्रम में सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि कांग्रेस को एक बड़ा झटका लग सकता है.

कांग्रेस को होगा नुकसान

कांग्रेस का कहना है कि उसने उन सभी 11 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया गया था, जिसने पार्टी लाइन के बाहर जाकर वोटिंग की थी. लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि उनके जाने से कांग्रेस को नुकसान होगा. उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 28 विधायक थे, जिनमें से 11 निष्कासित किये जा चुके हैं और जो दूसरे पार्टियों के संपर्क में हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास अभी मात्र 17 विधायक हैं. अगर पार्टी इन विधायकों को साथ रख पाती तो शायद उनके लिए बेहतर होता.

कांग्रेस के टारगेट हैं मुसलमान, ब्राह्मण और दलित

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ब्राह्मण, मुसलमान और दलित को रिझाने में जुटी है. यही कारण है कि पार्टी की ओर से शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. गुलाम नबी आजाद को सामने रखकर पार्टी मुसलमानों को भी साधने में जुटी है, वहीं दलितों को अपने साथ लाने के लिए राहुल गांधी एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं. संसद में कांग्रेस दलित उत्पीड़न की घटना को पुरजोर तरीके से उठा रही है.

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