बृजलाल तेवतिया पर हमला : कहीं सपा से नाराज ना हों जायें ‘जाट वोटर’
लखनऊ: उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में कल रात भाजपा नेता बृजलाल तेवतिया पर अज्ञात हमलावरों ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी. अभी वे नोएडा के एक अस्पताल में भरती हैं उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये जा रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो […]
लखनऊ: उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में कल रात भाजपा नेता बृजलाल तेवतिया पर अज्ञात हमलावरों ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी. अभी वे नोएडा के एक अस्पताल में भरती हैं उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये जा रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो अखिलेश यादव से इस्तीफा तक मांग लिया है. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कानून व्यवस्था का मामला राज्य का होता है और इसके लिए वही जिम्मेदार हैं.
तेवतिया पर हमले से भड़क सकते हैं जाट
गौरतलब है कि बृजलाल तेवतिया जाट नेता हैं जिनका अच्छा-खासा प्रभाव है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस हमले का असर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिलेगा. चूंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 19 जिलों के 90 सीटों पर जाटों का प्रभाव दिखता है. ऐसे में अगर तेवतिया पर हुए हमले से जाट भड़क गये, तो अखिलेश यादव और सपा के लिए यह बड़ा झटका होगा. 2012 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तरप्रदेशके 25 जिलों के 136 विधानसभा सीटों पर सपा और बसपा का कब्जा था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में इन तमाम सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया.
सपा कर रही है जाटों को साथ लाने की कोशिश
आगामी विधानसभा चुनाव में जाटों का वोट पाने के लिए समाजवादी पार्टी अजीत सिंह को साथ लाने की जुगत में है. राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि अमर सिंह अजीत सिंह को सपा के साथ ले आयेंगे, इससे सपा को चुनाव में जाटों का वोट आसानी से मिल जायेगा, लेकिन तेवतिया वाली घटना से जाट वोटर बिदक सकते हैं.
मायावती मार सकती हैं बाजी
गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर जब हरियाणा में जाट आंदोलन चला, तो उसका प्रभाव उत्तर प्रदेश में भी दिखा. मायावती ने तुरंत ही जाटों की मांग का समर्थन कर दिया था. अब जबकि जाट अखिलेश से नाराज होते दिख रहे हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा की स्थिति ठीकठाक है, तो संभव है कि बृजलाल तेवतिया पर हुए हमले की घटना से मायावती को फायदा मिल जाये.