Loading election data...

उत्तर प्रदेश : मुलायम परिवार में झगड़ा बढ़ा, कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए शिवपाल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार में झगड़ा बढ़ता जा रहा है. आज यूपी कैबिनेट की बैठक में नाराज शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि मुलायम सिंह यादव की हरी झंडी के बावजूद अखिलेश यादव ने कौमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2016 10:48 AM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार में झगड़ा बढ़ता जा रहा है. आज यूपी कैबिनेट की बैठक में नाराज शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि मुलायम सिंह यादव की हरी झंडी के बावजूद अखिलेश यादव ने कौमी एकता दल के सपा में विलय का विरोध किया है, जबकि शिवपाल यह विलय चाहते हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव के बाद एक बार फिर प्रदेश में सरकार बनायेगी. इस मौके पर उन्होंने यह घोषणा भी की कि इलाहाबाद में मेट्रो ट्रेन चलेगी.

अखिलेश को बाहुबली पसंद नहीं
अखिलेश यादव की छवि एक स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री की है. वे यह नहीं चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी का बाहुबलियों के साथ गंठजोड़ हो. यही कारण है कि वे कौमी एकता दल के विलय को पसंद नहीं कर रहे हैं. जबकि शिवपाल यादव इस विलय के पक्ष में हैं, क्योंकि प्रदेश में मुस्लिम पार्टियों ने एक फ्रंट बना लिया है और मुलायम सिंह भी इस बात से चिंतित हैं कि अगर प्रदेश के मुसलमान इस फ्रंट के साथ चले गये, तो सपा को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि सपा मुसलमान और यादव के भरोसे ही राजनीति करती है.
नाराज शिवपाल बना सकते हैं अलग पार्टी
अखिलेश के रवैये से मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल खासा नाराज हैं और उन्होंने इस्तीफे का मन बना लिया है. ऐसी खबरें भी हैं कि वे अलग पार्टी बना सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो सपा बिखर जायेगी. यही कारण है कि 15 अगस्त को सपा की बैठक में मुलायम ने शिवपाल का साथ दिया और अखिलेश को फटकार लगायी. हालांकि कल शिवपाल ने यह बयान दिया कि मुलायम का इशारा ही उनके लिए आदेश है और जो भी मतभेद हैं उनपर बातचीत हो रही है, लेकिन लगता नहीं है कि चाचा-भतीजे में सुलह होगी, क्योंकि दोनों ने ही इसे अपनी नाक की लड़ाई बना ली है. शिवपाल कौमी एकता दल का विलय चाहते हैं, जबकि अखिलेश कह रहे हैं सरकार ने बेहतर काम किया है किसी से गंठबंधन की जरूरत नहीं.
सपा को बचाने के लिए शिवपाल के साथ खड़े हैं मुलायम
मुलायम सिंह ने 15 अगस्त को जब यह कहना शुरू किया कि शिवपाल यादव की प्रदेश को लेकर नाराजगी सही है और उन्होंने दो बार इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन मैंने मना कर दिया, तो अखिलेश उनके बगल में बैठे थे और उन्हें आश्चर्य के भाव से देख रहे थे, क्योंकि उन्होंने घर के झगड़े को सार्वजनिक कर दिया था. उन्होंने कहा कि शिवपाल अगर गये तो सपा बिखर जायेगी. दरअसल मुलायम सिंह यह जानते हैं कि शिवपाल की प्रदेश में कितनी पैठ है और अगर वे गये तो सपा को भारी नुकसान होगा. यही कारण है कि मुलायम ने अखिलेश को फटकार लगाकर शिवपाल का समर्थन किया.

Next Article

Exit mobile version