सपा ने केजरीवाल को अधचकरा नेता बताया

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को भष्ट नेताओं की सूची में शामिल करना सपा नेतृत्व को अखर गया है. इसी के चलते सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में केजरीवाल पर हमला बोला. चौधरी ने कहा है कि केजरीवाल यह जताने की को‍शिश कर रहे हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2014 7:54 PM

।।राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को भष्ट नेताओं की सूची में शामिल करना सपा नेतृत्व को अखर गया है. इसी के चलते सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में केजरीवाल पर हमला बोला. चौधरी ने कहा है कि केजरीवाल यह जताने की को‍शिश कर रहे हैं कि वही अकेले ईमानदार है और बाकी की सारी दुनिया बेईमान है. ऐसी धारणा और मान्यता किसी अधकचरे नेता की ही हो सकती है. वैसे भी केजरीवाल अराजकतावादी राजनीति करते हुए ईमानदारी का ढोग कर रहे हैं जो ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है.

केजरीवाल को लेकर सपा के इस रूख के सामने आने के कुछ देर में अखिलेश सरकार ने अरविंद केजरीवाल को मुहैया कराई गई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली. यह कदम उठाकर सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह संदेश दिया है कि वह केजरीवाल की राजनीतिक से कत्तई संतुष्ट नहीं है. गौरतबल है कि शुक्रवार को केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी बनाई कथित भ्रष्ट नेताओं की सूची पेश की थी. इस सूची में केजरीवाल ने मुलायम सिंह और राहल गांधी का नाम भी लिखा. सपा नेताअोओं को केजरीवाल की यह हरकत नागवार लगी और राजेन्द्र चौधरी ने केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केजरीवाल को मुलायम सिंह यादव का नाम अपनी सूची में रखने से पहले यह भी जान लेना चाहिए था कि यादव के पीछे संघर्ष और त्याग का एक लम्बा इतिहास है. उन्होने जनता के हित में सतत संघर्ष किया है और राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं बनाया है. जबकि केजरीवाल की राजनीति जुम्मा-जुम्मा चंद महीनों की है और उन्होने अराजकतावादी राजनीति ही की है. उनका राजनीति में कोई रचनात्मक योगदान नहीं है और अब तक केजरीवाल और उनके साथियों ने केवल अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की पूर्ति को राजनीति का साधन बना रखा है.

चौधरी ने यह भी कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री का ईमानदारी वाला ढोंग अब चलनेवाला नहीं हैं. सभी जानते है कि खुद उन पर अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान उगाहे गए चंदे में गड़बड़ी करने, अपने, एनजीओ के नाम पर गैर कानूनी ढंग से विदेशी फंड लेने का आरोप लगा है. दिल्ली के विधान सभा चुनावों में आप के प्रत्याशियों पर धन उगाही के (स्टिंग आपरेशन से) लगे आरोप सामने आ चुके है. जिस पर राजनीति में प्रवेश के साथ इतने दाग लगे हैं उससे राजनीति में आगे शुचिता, पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

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