नहीं थमा सपा में घमानसान, अखिलेश और शिवपाल के समर्थक सड़क पर उतरे
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान आज सड़कों पर उतर आया. परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सुर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की. सपा के चारों युवा […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान आज सड़कों पर उतर आया. परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सुर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की.
सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, युवजन सभा और यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की.
सूत्रों के मुताबिक चारों युवा संगठनों ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर अखिलेश को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की है. उनका कहना है कि अखिलेश ही पार्टी को आगे बढा सकते हैं.
इस बीच, शिवपाल के समर्थकों ने भी पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर उनके पक्ष में नारेबाजी की. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा कल आगे आकर पार्टी में कोई मतभेद ना होने का दावा किये जाने और मुख्यमंत्री के कल रात शिवपाल से छीने गये सभी विभाग वापस करने के बाद ऐसा लगा था कि पार्टी में उभरे मतभेद फिलहाल समाप्त हो गये हैं, लेकिन दोनों धडों के समर्थकों के आज सडकों पर उतरने से साफ हो गया है कि तल्खी का दौर नया मोड़ ले चुका है.
मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष मुहम्मद एबाद ने कहा ‘‘हमने नेताजी (मुलायम) को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है. हम (सभी चारों युवा संगठन) अखिलेश जी के सिवा और किसी के साथ काम नहीं कर सकते. अखिलेश जी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने से युवा दुखी और हताश हैं, यहां तक कि हम उनके पक्ष में आत्मदाह भी कर सकते हैं.”
पूर्व में, सपा के युवा संगठनों के अध्यक्ष रह चुके विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप और आनन्द भदौरिया ने भी अखिलेश के पक्ष में नारेबाजी की.कश्यप ने कहा कि नेताजी कई मौकों पर कह चुके हैं कि युवाओं को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए. हम अखिलेश जी को वापस लाना चाहते हैं. वह युवाओं के निर्विवाद नेता हैं.
बहरहाल, सपा दफ्तर के बाहर अचानक बडी संख्या में एकत्र कार्यकर्ताओं के बीच झडप की आशंका के कारण सुरक्षा के मद्देनजर बडी संख्या में पुलिस और पीएसी बल के जवानों को तैनात किया गया है.
मालूम हो कि गत 13 सितंबर को शिवपाल के करीबी माने जाने वाले आईएएस अफसर दीपक सिंघल को हटाये जाने के बाद सपा मुखिया ने अखिलेश को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल को बैठा दिया गया था. इससे नाराज अखिलेश ने शिवपाल से लोकनिर्माण, राजस्व और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे.
विवाद बढने के बाद सपा मुखिया ने कल शिवपाल और अखिलेश से मुलाकात की थी. उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से कहा था कि परिवार में कोई विवाद नहीं है. उसके बाद देर रात अखिलेश ने शिवपाल को उनसे छीने गये सभी विभाग वापस कर दिये थे.