एक बार फिर गुस्से में आजम खां कहा, संवैधानिक संकट की आशंका
।।राजेेन्द्र कुमार।। लखनऊः अखिलेश सरकार के प्रमुख नेता आजम खां एक बार फिर गुस्से में हैं. इस बार उनकी नाराजगी की वजह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं बल्कि सचिवालय प्रशासन के सात कर्मचारी हैं. आजम ने एक माह पूर्व इन्हें भगोड़ा, झूठा, षड्यंत्रकारी और अनुशासनहीन बताते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था. प्रमुख […]
।।राजेेन्द्र कुमार।।
लखनऊः अखिलेश सरकार के प्रमुख नेता आजम खां एक बार फिर गुस्से में हैं. इस बार उनकी नाराजगी की वजह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं बल्कि सचिवालय प्रशासन के सात कर्मचारी हैं. आजम ने एक माह पूर्व इन्हें भगोड़ा, झूठा, षड्यंत्रकारी और अनुशासनहीन बताते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था. प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन ने आजम के इस आदेश पर अभी तक अमल नहीं किया. जिसके चलते आजम खां भड़क गए और शुक्रवार को आजम ने एक पत्र लिखकर आश्चर्य जताया है कि आखिर क्यों उनके बार-बार कहे जाने के बावजूद प्रमुख सचिव ने अब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
आजम ने यह पत्र मीडिया में भी जारी किया, हालांकि मीडिया से वह नाराज रहते हैं और आए दिन मीडिया को कोसते हैं. फिर भी अपने पत्र को उन्होंने मीडिया को भिजवाया. आजम ने अपने इस पत्र में अपने साथ-साथ सरकार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगा दी है. उन्होंने पत्र में केजरीवाल की तर्ज पर एक बड़े संवैधानिक संकट की आशंका जताते हुए सवाल उठाया है कि सरकार जनता के चुने प्रतिनिधि चलाएंगे या फिर सचिवालय के कर्मचारी. आजम खां के दो निजी सचिव और पांच अपर सचिव उन पर अभद्रता करने का आरोप लगाकर काम छोड़कर चले गए थे. इन्हीं कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए आजम ने पत्र में संवैधानिक संकट का जिक्र किया है. आजम का आरोप है कि उनके निजी स्टाफ ने उन्हें सियासी नुकसान पहुचाने की नीयत से यह किया था. इससे न केवल उनका बल्कि राज्य सरकार के सभी मंत्रियों का अपमान हुआ है.
आजम खां ने इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन को बीती तीन जनवरी को पत्र लिखा था.फिर भी कार्रवाई नहीं हुई तो तमतमाकर उन्होंने एक और पत्र लिखकर प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन से पूछा है कि अनुशासनहीनता करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने प्रमुख सचिव से यह लिखित जवाब मांगा है कि यूपी हज समिति से लाए गए तनवीर अहमद सिद्दीकी समेत अन्य कर्मचारियों के जरिए उनके दफ्तर में हो रहे काम की वैधानिक स्थिति क्या है. जब तक भगोड़े कर्मचारियों पर कार्रवाई न हो और नए कर्मचारियों की तैनाती न हो तब तक उनका यहां काम करना ठीक होगा.
आजम खां के इस पत्र को लेकर विपक्षी नेताओं ने उन पर तनाशाही करने का आरोप लगाया है. वही सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेन्द्र मिश्र ने कहा है कि किसी कर्मचारी के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकेगा. यदि किसी ने नियमों के खिलाफ जाकर अनुचित कार्रवाई करने का प्रयास किया तो सचिवालय कर्मी अपनी ताकत का अहसास करा देंगे. सचिवालय प्रशासन के सचिव अरविंद नारायण मिश्र कहते हैं कि कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो रही है. फिलहाल आजम के इस पत्र को लेकर विपक्ष को अखिलेश सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है और समूचा विपक्ष आजम खां को अखिलेश सरकार का तानाशाह और तुकमिजाज मंत्री कहने का मौका चूक नहीं रहा है.