लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा मुखिया मायावती को ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दी. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘मैं कहता हूं कि अखिलेश, राहुल और मायावती जी तीन तलाक के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें.’
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में तीन तलाक के मुद्दे पर प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं से राय लेकर उच्चतम न्यायालय में पक्ष रखने का वादा किया है. तीन तलाक राजनीतिक रूप से तटस्थ मुद्दा है लेकिन राहुल, अखिलेश और मायावती इस पर महिलाओं से कोई राय नहीं लेंगे, क्योंकि उन पर तुष्टीकरण की राजनीति हावी है.
यहां तीन तलाक का अर्थ एक साथ तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को छोड़ देने की उपमहाद्वीपीय इस्लामिक परंपरा से है. प्रसाद ने तीन तलाक को एक शोषणकारी प्रावधान बताते हुए कहा कि यह सवाल किसी ईमान या धर्म का नहीं बल्कि नारी न्याय, नारी समानता और नारी सम्मान का है. कोई भी कुप्रथा किसी आस्था का हिस्सा नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामी देश तीन तलाक की प्रथा को समाप्त कर चुके हैं. वहां इसे शरीयत में दखलंदाजी नहीं माना गया. ऐसे में भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस रिवाज को खत्म किया जाना शरीयत के खिलाफ कैसे हो सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस और सपा के गठबंधन को भ्रष्टाचार और अपराध का गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह हताशा में किया गया गठजोड़ है. इसे गंगा और यमुना का संगम बताया जाना इन नदियों की तौहीन है. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने एक सवाल पर कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आस्था से जुड़ा है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय में लम्बित इस मामले में बहुत जल्दी फैसला आने का इशारा भी दिया.
उन्होंने भाजपा के प्रदेश की सत्ता में आने पर यांत्रिक पशु वधशालाएं बंद करने के चुनावी वादे के औचित्य के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कि ऐसा होना ही चाहिये, क्योंकि वे कत्लगाहें संविधान की मंशा के खिलाफ हैं. प्रसाद ने नोटबंदी को देश को ईमानदार बनाने का कदम बताते हुए कहा कि इससे आतंकवाद, नक्सलवाद, हवाला कारोबार, सुपारी किलिंग और देह व्यापार पर अंकुश लगा है.