#ElectionResults अखिलेश का काम नहीं, सपा का झगड़ा बोला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले साबित हुए हैं. रुझानों की मानें तो भाजपा प्रचंड बहुमत की ओर है और उसे 306 सीट पर बढ़त हासिल है, जबकि सपा गठबंधन 70 सीट पर सिमटती नजर आ रही है. ऐसे में सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार यह बोलते रहे कि […]
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले साबित हुए हैं. रुझानों की मानें तो भाजपा प्रचंड बहुमत की ओर है और उसे 306 सीट पर बढ़त हासिल है, जबकि सपा गठबंधन 70 सीट पर सिमटती नजर आ रही है.
ऐसे में सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार यह बोलते रहे कि उन्होंने प्रदेश के लिए इतना काम किया है कि उन्हें दोबारा सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में ‘काम बोलता है ’ का नारा भी दिया गया. चुनावी रैलियों में अखिलेश ने लगातार अपनी उपलब्धियों को गिनाया. बावजूद इसके सपा में केसरिया झंडा लहराया. आखिर क्यों?
इस सवाल का जवाब तलाशने पर कुछ कारण उभरकर सामने आते हैं, जिनमें से प्रमुख है सपा का झगड़ा. मुलायम परिवार में चुनाव की घोषणा से पहले जिस तरह वर्चस्व की लड़ाई हुई वह सपा की हार का कारण बना. अखिलेश ने शिवपाल यादव की जिस तरह से अनदेखी की वह भी शायद सपा के वोटर्स को पसंद नहीं आया. सपा अपने कैडर वोटर्स को भी जोड़कर नहीं रख पायी. जबकि भाजपा ने विकास, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर जनता को लुभा लिया. साथ ही मोदी का चमत्कारिक आभामंडल भी लोगों को लुभाता रहा.