अयोध्या मामला : 30 मई को आडवाणी, जोशी और उमा को कोर्ट में पेश होने का निर्देश, कोर्ट ने कहा- अब किसी को नहीं मिलेगी छूट
लखनऊ : बाबरी मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और वर्तमान केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ आरोप तय करने के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से 30 मई को पेश होने का निर्देश दिया है.विशेष सीबीआई न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके यादव ने […]
लखनऊ : बाबरी मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और वर्तमान केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ आरोप तय करने के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से 30 मई को पेश होने का निर्देश दिया है.विशेष सीबीआई न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके यादव ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया. उन्होंने भाजपा के तीन अन्य नेताओं विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा और विष्णु हरि डालमिया से भी 30 मई को ही पेश होने के लिए कहा.
न्यायमूर्ति यादव ने कहा कि स्थगन या छूट के किसी आवेदन पर अब विचार नहीं किया जायेगा. आरोपितों की ओर से पेश हुए वकीलों विमल कुमार श्रीवास्तव और मनीष त्रिपाठी ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए आज छूट मांगी. उनका कहना था कि कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी जाये, क्योंकि उनके मुवक्किल अन्य कार्यों में व्यस्त हैं.
सीबीआई के वकीलों ललित कुमार सिंह और आरके यादव ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि अदालत ने आरोप तय करने के लिए आज का दिन तय किया था. यह सुनिश्चित होना चाहिए कि अगली तारीख को आरोपित मौजूद रहें. अदालत ने इसके बाद आडवाणी एवं अन्य लोगों की ओर से व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दिये जाने का आवेदन मंजूर किया, लेकिन साथ ही कहा कि यह छूट सिर्फ आज के लिए है. विशेष अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मई तय करते हुए आरोपितों से कहा कि वे अगली तारीख पर अवश्य उपस्थित हों.
अदालत विवादित ढांचा ढहाये जाने से जुड़े दो अलग अलग मामलों की सुनवाई कर रही है. महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्म दास और सतीश प्रधान पर आरोप तय करने के लिए भी अदालत ने 30 मई की तारीख तय की है.