UP Chunav 2022: SP सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए वोट मांगेंगे AAP के अरविंद केजरीवाल, यूं चलेंगे गठबंधन की चाल

किसान आंदोलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कभी किसान विरोधी बयान नहीं दिया है. वे हमेशा से भाजपा की मुखालफत करते आ रहे हैं. ऐसे में पश्चिम में जाट वोट बैंक को वे प्रभावित करने में समाजवादी पार्टी की काफी मदद कर सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2021 2:27 PM

UP Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2022 में कई समीकरण ऐसे देखे जाएंगे जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती. इन्हीं में से एक समीकरण है आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए वोट मांगना.

दरअसल, बीते बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी एवं आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. यह मुलाकात करीब आधे घंटे की थी. हालांकि, इसके समीकरण बीते कई दिनों से बन रहे थे. बुधवार को तो सिर्फ इस मुलाक़ात को अंजाम दिया गया था. इस मुलाक़ात के बाद अखिलेश यादव और संजय सिंह दोनों ने ही अपने-अपने ट्वीटर अकाउंट से इस भेंटवार्ता का जिक्र किया था. हालांकि, लखनऊ की सियासी गलियों में इसका भी जिक्र है कि बुधवार को ही अखिलेश ने संजय सिंह से मुलाकात की. साथ ही, चुनाव जीतने पर अखिलेश ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले आंदोलनकारियों के परिजनों को उन्होंने 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. वह भी तब जब इसी सप्ताह किसान आंदोलन के रणनीतिकार राकेश टिकैत भी लखनऊ आ चुके थे. ऐसे में इन सब समीकरणों को आगामी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

दोनों ही पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, इस बीच आप और सपा के बीच कुछ बातों पर सहमति बनी है. मसलन, यूपी में पश्चिम की विधानसभा सीटों पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल गठबंधन का हाथ स्वीकार करने वाले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए वोट मांगते नज़र आएंगे. संभवत: इसकी शुरुआत मेरठ से हो सकती है. कारण, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की ओर शुरू किए गए किसान आंदोलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कभी किसान विरोधी बयान नहीं दिया है. वे हमेशा से भाजपा की मुखालफत करते आ रहे हैं. ऐसे में पश्चिम में जाट वोट बैंक को वे प्रभावित करने में समाजवादी पार्टी की काफी मदद कर सकते हैं.

इसके अलावा सीट के बंटवारे को लेकर भी एक सहमति बनने का इशारा किया गया है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल की एनसीआर के विधानसभा क्षेत्रों में काफी पकड़ है. वह उन जगहों से अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. वहां पर सपा की कोई खास पकड़ भी नहीं है. ऐसे में सपा उन जगहों पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को मजबूत बनने का अवसर देकर अपना समझौता पूरा करेगी.

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