वाराणसी में बढ़ने लगा बाढ़ का खतरा, गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से चिंता में पुरोहित, अलर्ट मोड पर प्रशासन

Varanasi News: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते बनारस में गंगा घाटों की कुछ सीढ़ियां ही ऐसी बची हैं जहां गंगा का पानी नहीं पहुंचा है. गंगा में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, हर घंटे नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2022 8:00 AM
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Varanasi News: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते बनारस में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, वजह गंगा में भरपूर पानी का होना है, जिसके कारण गंगा उफान पर है और हर घंटे नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. अभी गंगा का जलस्तर इतना है कि बनारस के 84 घाट जलमग्न हैं और उनका आपसी संपर्क भी टूट गया है. इस वजह से एक घाट से दूसरे घाट पर जाना अब मुमकिन नहीं है.

घाट पुरोहित भी हटाने लगे अपनी चौकियां

घाटों की कुछ सीढ़ियां ही ऐसी बची हैं जहां गंगा का पानी नहीं पहुंचा है. वहीं सावन के महीने के चलते श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण जगह कम होने की भी दिक्कत हो रही है. बढ़ती भीड़ की वजह से ठसाठस भरे घाट पर पांव रखने की भी जगह नहीं मिल रही है. घाट पुरोहितों ने भी अपनी चौकियां समेटना शुरू कर दिया है.

3.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन दैनिक आरती करने वाले गंगा सेवा निधि से जुड़े हेमंत मिश्रा ने बताया कि मां गंगा का जलस्तर इस वक़्त 3.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. इसकी वजह से गंगा सेवा निधि द्वारा कराई जा रही आरती का स्थान परिवर्तन हुआ है, और आने वाले दिनों में भी स्थान परिवर्तन की उम्मीद है.

सीढ़ियों के ऊपर की तरफ़ बढ़ रहा पानी

गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घाट के सभी सामान हटा दिया गया है, और अब सीढ़ियों के ऊपर की तरफ़ बढ़ रहे हैं. जितने घाट के पंडे-पुरोहित है सभी अपना सामान अब ऊपर की तरफ़ रख रहे हैं. आज गंगा आरती सीढ़ियों पर हुई है, क्योंकि प्लेटफार्म और सभी सिटिंग वाले स्थान गंगा में डूब चुके हैं. सभी घाटों का संपर्क एक दूसरे से टूट चुका है.

पुलिस-प्रशासन अलर्ट

भले गंगा का जलस्तर बढ़ रहा हो, घाट डूब गए हों, लेकिन गंगा अभी भी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. चेतावनी बिंदु से ये 6 मीटर नीचे और खतरे के निशान से 7 मीटर नीचे बनी हुई है. गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यहां जल पुलिस भी काफी एक्टिव है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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