Good News: वाराणसी के इस सरकारी स्कूल में कंप्यूटर से गणित और विज्ञान की गुत्थियां सुलझा रहे स्टूडेंट्स

खेल-खेल में बच्चे अब गणित की गुत्थी सुलझाने के साथ ही विज्ञान का ज्ञान भी बढ़ाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी के पांच सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर गेम ऐप के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है, जिससे बच्चों में भी पढ़ाई को लेकर खासा दिलचस्पी देखने को मिल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2022 5:37 PM

Varanasi News: सरकारी स्कूल के बच्चे भी अब कम्प्यूटर गेम ऐप के जरिए गणित और विज्ञान की पढ़ाई करेंगे. खेल-खेल में बच्चे अब गणित की गुत्थी सुलझाने के साथ ही विज्ञान का ज्ञान भी बढ़ाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी के पांच सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर गेम ऐप के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है, जिससे बच्चों में भी पढ़ाई को लेकर खासा दिलचस्पी देखने को मिल रही है. यह प्रयोग सफल हुआ तो वाराणसी के सभी सरकारी विद्यालयों में इस मॉडल को लागू किया जाएगा.

शिक्षा कंप्यूटर से दी जा रही

बीएसए यानी बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि हमारे विद्यालयों में गणित और विज्ञान की शिक्षा कंप्यूटर से दी जा रही है. इसके लिए आईआईटी द्वारा एक खास स्टेप ऐप को तैयार किया गया है. इसमें खेल-खेल में बच्चे गणित और विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. इसके आधार पर बच्चो की क्षमता का आकलन किया जायेगा. इसे सभी सरकारी स्कूलों में बहुत जल्द लागू किया जायेगा. अभी हमारी प्रथम चरण योजना के तहत ये लागू किया गया है. धीरे-धीरे सभी विद्यालयों में ये सुविधा उपलब्ध हो जायेगी.

Good news: वाराणसी के इस सरकारी स्कूल में कंप्यूटर से गणित और विज्ञान की गुत्थियां सुलझा रहे स्टूडेंट्स 4
लॉजिकल अंक मिलेंगे

आमतौर पर यह देखा जाता है कि बच्चे गणित और विज्ञान से डरे महसूस करते हैं. मगर इसके आ जाने से बच्चे कंप्यूटर के माध्यम से जल्दी इन विषयों को सिख जाएंगे. बच्चे जब इस अएप पर खेलेंगे तो उन्हें यहां लॉजिकल अंक मिलेंगे. इस आधार पर उनकी समझ का आकलन करते हुए उनके सवालों को बेहतर तरीके से सॉल्व करना सिखाया जाएगा. आम तौर पर महंगे और बड़े निजी स्कूलों में इस तरह की सुविधा बच्चों को मिलती थी लेकिन अब सरकारी स्कूलों में ये सब नि:शुल्क बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है. जहां भी जिन स्कूलों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है वहां जल्द ही हम व्यस्था उपलब्ध करा रहे हैं.

Good news: वाराणसी के इस सरकारी स्कूल में कंप्यूटर से गणित और विज्ञान की गुत्थियां सुलझा रहे स्टूडेंट्स 5
पढ़ाने में आसानी होती है

कस्तूरबा गांधी आवासी बालिका विद्यालय की टीचर प्राची वर्मा ने बताया कि पहले विज्ञान और गणित को सभी बच्चों को पढ़ाना बेहद मुश्किल होता था लेकिन इस कम्प्यूटर गेम की मदद से बच्चे आसानी से इसे समझ और पढ़ पा रहे हैं. वहीं, बात अगर छात्रों की करें तो वो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों के गरीब बच्चो के बारे में इतना सोचा, अब ये बच्चे भी अपने उज्वल भविष्य के लिए आगे बढ़ेंगे. ये बच्चे अब सीखने के लिए बहुत उत्साहित रहते हैं कि हम कंप्यूटर से पढ़े प्रोजेक्टर से पढ़े. हमलोग को भी पढ़ाने में आसानी होती है पहले हम ब्लैकबोर्ड पर लिखकर पढ़ाते थे कुछ बच्चो को समझ आता था कुछ को नहीं समझ आता है. पर अब बच्चे खेल खेल के माध्यम से कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर के माध्यम से सीख जाते हैं.

क्या कहा बच्चों ने…

कक्षा 6 की छात्रा आशा मौर्य ने बताया कि इस एप के माध्यम से हमलोंग बहत ही आसानी से प्रोजेक्टर के द्वारा समझकर सीख लेते है और दूसरे बच्चो को भी समझा लेते हैं. हमलोग विज्ञान, गणित, ड्राइंग सभी विषयों को इसके माध्यम से बड़ी ही आसानी से समझ जाते है. इसके लिए हमसब बच्चे पीएम नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद कहना चाहेंगे कि उन्होंने हम सब बच्चों के लिए इतना सोचा, इस सुविधा के द्वारा हमलोग पढ़कर कुछ बनेंगे और बाकी के विद्यार्थियों को भी आगे बढ़ने और पढ़ने के लिए प्रशिक्षित करेंगे.

Good news: वाराणसी के इस सरकारी स्कूल में कंप्यूटर से गणित और विज्ञान की गुत्थियां सुलझा रहे स्टूडेंट्स 6
स्मार्ट क्लासेस नहीं होते थे

कक्षा 8 की छात्रा अंशिका वर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लासेस की जिस तरह से सुविधा उपलब्ध कराई है वो बहुत ही ज्यादा बेहतर माध्यम है हम बच्चों के सीखने के लिए. सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चो को पढ़ने के लिए नहीं भेजते थे. क्योंकि यहां स्मार्ट क्लासेस नहीं होते थे. मगर अब हम सरकारी स्कूलों के भी बच्चे कम्प्यूटर के माध्यम से गणित, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान तमाम विषय को आसानी से समझ पाते हैं. हम पीएम मोदी को धन्यवाद कहना चाहेंगे कि उन्होंने हमे योग्य बनाया. बात अगर इस गेम ऐप की करें तो इससे पढ़ाई के साथ ही बच्चों के आईक्यू लेवल का आंकलन भी किया जाता है. फिर उसी के मुताबिक छात्रों को आगे की पढ़ाई कराई जाती है. क्लास 6 से 12 तक के बच्चों को इस गेम ऐप के जरिए शिक्षा दी जा रही है.

Also Read: Mirzapur Season 3: वाराणसी, मिर्जापुर, मऊ, बलिया और लखनऊ में शूटिंग शुरू, जानें कहानी का नया मोड़…

रिपोर्ट : विपिन सिंह

Next Article

Exit mobile version