Lucknow: यूपी में उपचुनाव में मिली धमाकेदार जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी अब निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन करने जा रही है. पार्टी ने भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद जिस तरह से मैनपुरी में अपने गढ़ को न सिर्फ बचाये रखा बल्कि भारी मतों से जीत दर्ज की और खतौली में गठबंधन उम्मीदवार जीता, उससे उसके हौसले बुंलद हैं. पार्टी अब निकाय चुनावों में भी जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहती है. उसकी कोशिश है कि शहरों में भी उसकी सरकार हो. नगर निगमों में पार्टी के मेयर हों और उसे बहुमत हासिल हो.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस संबंध में अगले हफ्ते राजधानी लखनऊ में अहम बैठक करेंगे. इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल होंगे. बैठक में शिवपाल यादव को भी बुलाये जाने की बात कही जा रही है. मैनपुरी का किला फतह करने में उनकी अहम भूमिका रही और इसके बाद अखिलेश यादव की मौजूदगी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का सपा में विलय भी हुआ. शिवपाल पहले से ही सपा के टिकट पर विधायक हैं. इसलिए अब उनके बैठक में शामिल होने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है.
परिवार के एक होने के बाद अखिलेश स्वयं शिवपाल यादव की बड़ी भूमिका वाला बयान दे चुके हैं. इसलिए माना जा रहा है कि निकाय चुनाव की रणनीति बनाने में उनकी भी राय जरूर ली जाएगी. इसके साथ ही शिवपाल से जुड़े लोगों को टिकट भी दिया जा सकता है.
अखिलेश यादव ने जिस तरह से मैनपुरी चुनाव में सधे हुए अंदाज में फैसले किए, पारिवारिक मतभेद को दूर करने की पहल की, उसका फायदा सबके सामने है. इसलिए सपा इस बार भी एकजुट होकर निकाय चुनाव की रणनीति को धरातल पर उतारना चाहती है. चुनाव को लेकर बड़ी संख्या में लोग टिकट मांग रहे हैं, इसलिए अगले हफ्ते होनी वाली बैठक बेहद अहम होगी. इसमें उम्मीदवारों के नाम पर भी मंथन किया जाएगा.
दरअसल निकाय चुनाव में पार्टी इस बार अपनी हार का सिलसिला तोड़ना चाहती है. 2012 में जब अखिलेश सरकार में निकाय चुनाव हुए थे, तो सपा का मेयर के पद पर खाता तक नहीं खुला. तब 10 सीटें भाजपा के खाते में गई थी और 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. पिछले नगर निकाय के चुनाव में भी मेयर की 14 सीटें भाजपा व दो सीटें बसपा के खाते में गई. सपा खाली हाथ ही रही. इसलिए अब अखिलेश यादव के सामने नगरीय निकायों में पार्टी के प्रदर्शन का इतिहास बदलने की चुनौती है.
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इस बीच शिवपाल यादव की गाड़ी पर समाजवादी पार्टी का झंडा लगने के बाद लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के कार्यालय से भी पार्टी की होर्डिंग उतर गई. अब वहां पर शिवपाल यादव के आवास-शिविर कार्यालय का बोर्ड लगा दिया गया है. सपा से अलग होकर पार्टी बनाने के बाद शिवपाल यादव को टाइप सिक्स का यह आवास आवंटित किया गया था. अब यहां भी निकाय चुनाव को लेकर शिवपाल समर्थकों की गतिविधियां नजर आएंगी.