Agar News: यूपी के आगरा में अपना घर बनाकर शांति से रह रहे लोगों की नींद में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए/ADA) ने खलल डाल दिया है. एडीए लगातार लोगों को नोटिस दे रहा है. कभी किसी का घर टूटने का नोटिस तो कभी किसी को जमीन का नोटिस दिया जा रहा है. इसी कड़ी में एडीए ने कई दशक पहले खरीदी गई जमीन पर बने संपत्ति के नक्शे मांगे हैं. इसमें कांग्रेस के कुछ नेताओं को नोटिस दिया गया है. लोग इस बात से परेशान हैं कि बरसों पुरानी जमीन का नक्शा अब वे कहां से लेकर आए.
कांग्रेस के प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरेशी, सोबिया और सगीर फातिमा कॉलेज के मैनेजमेंट से जुड़े हैं. एडीए की ओर से उन्हें भी नोटिस दिया गया है कि उनके पास जो संपत्ति है उसके पुराने नक्शे, शिक्षण संस्थान के बिल्डिंग के नक्शे एडीए में प्रस्तुत करें. नोटिस के बाद हाजी जमील उद्दीन कुरैशी सकते में हैं कि वह इतने पुराने नक्शे आखिरकार लाएं कहां से? उनका कहना है कि एडीए सिर्फ लोगों का उत्पीड़न कर रहा है.
ऐसी ही कुछ स्थिति जयपुर हाउस निवासियों की भी है. एडीए की ओर से जयपुर हाउस निवासियों को भी इसी तरह के नोटिस दिए गए हैं. जयपुर हाउस के निवासियों को उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा मकान ध्वस्तीकरण के नोटिस दिए जाने से हड़कंप मचा हुआ है. अपनी इस समस्या को उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के सामने रखा. मंत्री ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और मौके पर ही एडीए उपाध्यक्ष से फोन पर बातचीत की. उन्होंने एडीए से कहा कि 15 साल से पुराने आवासों पर ध्वस्तीकरण की कोई भी कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए.
पिछले दिनों एडीए की ओर से विभव नगर निवासियों को भी इसी तरह के नोटिस दिए गए थे. उनसे भी कई दशकों पुराने भवन निर्माण के नक्शे मांगे गए थे तो विभव नगर निवासियों ने क्षेत्रीय पार्षद जगदीश पचौरी से इसकी शिकायत की थी. इस पूरे मामले को पार्षद ने महापौर नवीन जैन के सामने रखा था. महापौर नवीन जैन ने भी इस कार्रवाई को लेकर एडीए को आड़े हाथ लिया था. इस कार्रवाई को रोकने के निर्देश दिए थे लेकिन एडीए अपनी इस कारगुजारी से बाज नहीं आ रहा है.
रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत