आगरा के मधुराज हॉस्पिटल के डॉ राजन ने पहले बचाई मरीजों की जान, अंत में गए थे अपने बच्‍चों को न‍िकालने

आगरा के थाना शाहगंज के मलपुरा रोड पर स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार सुबह तड़के करीब 4:45 बजे अस्पताल में स्थित एक दुकान में आग लग गई. आग लगते ही पूरे अस्पताल में काला जहरीला धुआं फैलने लगा. जैसे ही अस्पताल संचालक डॉ राजन को इसकी जानकारी हुई वह तत्काल बचाव कार्य में जुट गए.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2022 2:55 PM

Agra News: दशहरा के द‍िन आगरा के एक हॉस्पिटल में लगी आग में अस्पताल संचालक ने मानवता दिखाते हुए पहले मरीजों को बाहर निकाला. उसके बाद जब वे अपने बच्चों को बचाने के लिए अंदर पहुंचे तो वह कमरे में बच्चों के साथ बंद हो गए. दम घुटने की वजह से दो बच्चों के साथ उनकी भी जान चली गई. घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड के साथ पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.

पहले मरीजों को बचाने में जुटे

आगरा के थाना शाहगंज के मलपुरा रोड पर स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार सुबह तड़के करीब 4:45 बजे अस्पताल में स्थित एक दुकान में आग लग गई. आग लगते ही पूरे अस्पताल में काला जहरीला धुआं फैलने लगा. जैसे ही अस्पताल संचालक डॉ राजन को इसकी जानकारी हुई वह तत्काल बचाव कार्य में जुट गए. सर्वप्रथम उन्होंने अस्पताल में मौजूद सभी मरीजों को लोगों की मदद से बाहर निकाला और फिर अपने बच्चों को बचाने में जुट गए.

घर में काला और जहरीला धुंआ फैला

मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डॉक्टर राजेंद्र अस्पताल में आग लगने के बाद मरीजों के साथ बाहर निकल आए थे. उनके पास बचने का मौका था और वह पूर्ण रूप से सुरक्षित थे लेकिन जैसे ही उन्होंने देखा कि उनका एक बेटा और बेटी घर के अंदर फंसे रह गए हैं तो वे उन्‍हें बचाने चल पड़े. वे घर की तरफ दौड़े और उन्हें बचाने के लिए कमरे में पहुंचे लेकिन आग लगने की वजह से घर में काला और जहरीला धुंआ पूरी तरह से फैल चुका था. ऐसे में उन्होंने खुद और बच्चों को बचाने के लिए कमरे का दरवाजा बंद कर लिया लेकिन पहले से ही अस्पताल में इतना धुंआ हो चुका था कि कमरे में दम घुटने की वजह से डॉ राजन, उनका बेटा ऋषि और बेटी सिमरन बेहोश हो गए.

इलाज के दौरान मौत

अस्पताल के बाहर मौजूद डॉक्टर राजन के पिता गोपीचंद ने काफी देर तक अपने बेटे का बाहर इंतजार किया लेकिन जब वह बाहर नहीं आए तो वह पीछे के रास्ते से घर में पहुंचे. वहां जाकर जब उन्होंने देखा तो वे सहम गए. उनका बेटा और नाती, नातिन कमरे में बेहोश पड़े हुए थे. उन्हें तत्काल कमरे से निकालकर अस्पताल भेजा गया जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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