Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद के लोगों को बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम ने कमर कसी है. करोड़ों रुपये खर्च कर नगर निगम अब बंदरों को वन विभाग के सहयोग से पकड़ेगा और उनकी नसबंदी करेगा. जिले में अब तक बंदरों की वजह से तमाम देसी विदेशी पर्यटकों सहित शहर के लोगों के साथ भी कई हादसे हो चुके हैं.
ताजनगरी आगरा में बंदरों के आतंक से सालों से लोग जूझते आ रहे हैं. कई बार बंदरों की वजह से कई बड़े हादसे हो चुके हैं और कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल पर भी बंदरों का आतंक पिछले कुछ समय से काफी बढ़ गया है. इस वजह से देसी विदेशी पर्यटक हादसों का शिकार हुए हैं. जिले में बंदरों के आतंक को रोकने के लिए हालांकि प्रशासन ने कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की. कुछ समय पहले जिलाधिकारी ने निर्देश दिए थे जिसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा ताजमहल में कुछ लोगों को नियुक्त किया गया जो बंदरों को भगाने का काम कर रहे थे. उसके बावजूद पर्यटकों पर फिर से कई हमले हुए.
अभी कुछ समय पहले ही ताजमहल में रसिया से आई एक विदेशी पर्यटक पर बंदरों ने हमला किया था. इससे पर्यटक बुरी तरह से घायल हो गई थी. इसके बाद उसका इलाज कराया गया. यह कोई पहला मामला नहीं था ऐसे कई और मामले हुए जिसमें बंदरों द्वारा कई विदेशी पर्यटक महिला व पुरुष घायल हुए. आगरा में स्थित स्मारकों के अलावा कई ऐसे प्रमुख स्थान भी हैं जहां पर बंदरों का हमेशा ही प्रकोप रहता है. शहर के पुराने इलाके बेलनगंज की बात की जाए तो लोग अभी भी यहां कैद में रहते हैं क्योंकि यहां बंदरों की संख्या अधिक है. ऐसे में लोगों को अपने घर की बालकनी में लोहे के एंगल लगवाने पड़ते हैं ताकि बंदरों के आतंक से बचाव किया जा सके.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आगरा में बंदरों के आतंक का संज्ञान लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में बंदरों पर लगाम लगाई जाए. ऐसे में नगर निगम आगरा ने एक योजना बनाई है. इस योजना के तहत करीब 4 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें वन विभाग के सहयोग से बंदरों को पकड़ा जाएगा और उनकी नसबंदी की जाएगी. ऐसे में करीब 10 हजार बंदरों को पकड़ा जाएगा.
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रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत