Agra News: मां की हत्या के बाद जेल में पिता समेत पूरा परिवार, अपनों ने मासूम की देखभाल से किया इनकार
आगरा में एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और उसके प्रेमी को भी मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने दोषियों को जेल भेज दिया, लेकिन उनके पीछे अब 5 साल का एक बच्चा इस हत्याकांड की भेंट चढ़ गया. हत्याकांड के बाद पूजा और गौरव के 5 साल के बेटे को अब कोई पालने वाला नहीं बचा.
Agra News: अवैध संबंधों के चलते पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और उसके प्रेमी को भी मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने दोषियों को जेल भेज दिया, लेकिन उनके पीछे अब 5 साल का एक बच्चा इस हत्याकांड की भेंट चढ़ गया. हत्याकांड के बाद पूजा और गौरव के 5 साल के बेटे को अब कोई पालने वाला नहीं बचा.
हत्याकांड के बाद अकेला पड़ा 5 साल का मासूम
दरअसल, हत्याकांड के बाद दादा-दादी, पिता और चाचा जेल चले गए. वहीं नाना-नानी ने भी अब उस 5 साल के मासूम से अपना मुंह फेर लिया है. हाल, फिलहाल एत्माद्दौला पुलिस बच्चे की देखभाल में जुटी हुई है. हत्याकांड के बाद से ही एक परिवार की तरह पुलिस वाले इस बच्चे का ख्याल रख रहे हैं.
हत्याकांड में जेल पहुंचे पिता, दादा-दादी और चाचा
थाना एत्माद्दौला के सुशील नगर में हुए निर्मम हत्याकांड के बाद जहां 3 परिवार बर्बाद हो गए. वहीं आरोपी गौरव और उसकी पत्नी पूजा के 5 साल के बेटे राघव के चेहरे पर इस हत्याकांड के दंश साफ दिखाई दे रहे हैं. राघव को पालने वाला अब कोई भी नहीं बचा है. वहीं दूसरी तरफ राघव के रिश्तेदारों ने भी अब उससे मुंह फेर लिया है. मासूम राघव पुलिस की देखरेख में अब बस यही उम्मीद लगाए बैठा है कि शायद उसके पापा, दादा-दादी, मां या चाचा उसे थाने से लेने आएंगे. उसके पिता, दादा-दादी और चाचा उसकी मां की हत्या के जुर्म में सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं.
मासूम राघव को क्या पता था कि जो मां उसकी देखभाल करती थी, जिस घर में वह अपनी अठखेलियों से सभी का मन मोह लेता था. आज उसी घर में कोई भी ऐसा नहीं बचा जो उसको गोद में उठाकर दुलार करे और उसकी सभी ख्वाहिशें पूरी करे. 2 दिन से पुलिस ही मासूम राघव की देखभाल करने में लगी हुई है.
जब बेटी ही नहीं बची तो कौन सा नाता निभाऊं- नानी
पुलिस ने जब राघव की नानी इंदिरा से उसकी देखभाल के लिए कहा तो उन्होंने साफ मना कर दिया. इंदिरा का कहना है कि उनकी बेटी को हत्यारों ने मार दिया. जिस घर के लोगों ने मेरी बेटी को मार दिया, मैं उनके बेटे को अब कैसे अपनाऊं. जब मेरी बेटी ही नहीं रही तो राघव से मेरा कोई रिश्ता नहीं है. मैं अब राघव को अपने घर नहीं ले जाना चाहती हूं.
रिपोर्ट- राघवेंद्र गहलोत