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आगरा विश्वविद्यालय को स्थाई कुलपति न मिलने से लापरवाह हुए कर्मचारी और अधिकारी, अब जांच में नपेंगे कई

विश्वविद्यालय करीब 14 महीने से अपने स्थाई कुलपति की बाट जोह रहा है. अभी तक विश्वविद्यालय को पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के जाने के बाद स्थाई कुलपति नहीं मिल पाया है. विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति का न होना भी बीएएमएस की उत्तर पुस्तिका बदले जाने और तमाम लापरवाही का कारण माना जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 8, 2022 6:54 PM
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Agra News: आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की चर्चाओं का बाजार जिले में इस समय गर्म है. दरअसल, विश्वविद्यालय में कुछ दिन पहले बीएएमएस की उत्तर पुस्तिका बदल दी गई थीं, जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं. दूसरी तरफ विश्वविद्यालय करीब 14 महीने से अपने स्थाई कुलपति की बाट जोह रहा है. अभी तक विश्वविद्यालय को पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के जाने के बाद स्थाई कुलपति नहीं मिल पाया है. विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति का न होना भी बीएएमएस की उत्तर पुस्तिका बदले जाने और तमाम लापरवाही का कारण माना जा रहा है.

वीसी का होता रहा बदलाव

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को वित्तीय अनियमितताओं के चलते 5 जुलाई 2021 को पद से हटा दिया गया था. इसके बाद विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को प्रभारी कुलपति के रूप में दी गई क्योंकि माना जा रहा था कि प्रोफेसर अशोक मित्तल की जांच पूरी होने के बाद उनकी वापसी हो सकती है. मगर दिसंबर 2021 में प्रो. अशोक मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उनके वापस आने की अटकलों पर विराम लग गया और विश्वविद्यालय फिर से अपने नए कुलपति की राह देखने लगा. प्रो. अशोक मित्तल के हटाए जाने के करीब 6 महीने बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय को भी वापस बुला लिया गया. उनकी जगह कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक को नया प्रभारी कुलपति बना दिया गया.

प्रभारी कुलपति का प्रभार संभाल रहे

इस समय विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति विनय पाठक अपना पद संभाल रहे हैं. उन्हें करीब 7 महीने बीत चुके हैं. उन्हीं के कार्यकाल में पहले भी मुख्य परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था. अब बीएएमएस की कॉपी रास्ते में बदलने का मामला सामने आया है. जिले के शिक्षाविदों की मानें तो विश्वविद्यालय को कोई स्थाई कुलपति न मिल पाने के चलते इस तरह की अनियमितताएं और लापरवाही सामने आ रही हैं. प्रभारी कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार संभालने के साथ यहां के प्रभारी कुलपति का प्रभार संभाल रहे हैं. ऐसे में उनका आगरा में आना कम हो पाता है. इसी के चलते विश्वविद्यालय के कर्मचारी और अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. इसकी वजह से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.

एसटीएफ ने डाला डेरा

हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएएमएस की कॉपी बदलने के मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी है. एसटीएफ की टीम आगरा में डेरा डाल चुकी है. माना जा रहा है कि शुक्रवार से एसटीएफ विश्वविद्यालय में अपनी जांच शुरु कर देगी. ऐसे में सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय में एक कमरा खाली कर ऑफिस भी बनाया जा रहा है. इसी ऑफिस में बैठकर एसटीएफ अपनी जांच पड़ताल करेगी. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय से जुड़े पूर्व 20 साल के सभी मामलों की जांच-पड़ताल करने को कहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय में मौजूद कई कर्मचारी और अधिकारियों की गर्दन इस जांच में फंसना तय है.

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स्पेशल रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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