लॉकडाउन के बीच टिड्डी दल बने किसानों के लिए एक नयी मुसीबत, आगरा में अलर्ट जारी
उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण को लेकर लोग चिंतित हैं वहीं अब एक नई समस्या ने भी यहां दस्तक देने की आहट दे दी है. दरअसल, आगरा जिले के किसानों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक अलर्ट जारी किया गया है.जिसमें किसानों को टिड्डी दल से सचेत रहने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण को लेकर लोग चिंतित हैं वहीं अब एक नई समस्या ने भी यहां दस्तक देने की आहट दे दी है. दरअसल, आगरा जिला के किसानों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक अलर्ट जारी किया गया है.जिसमें किसानों को टिड्डी दल से सचेत रहने को कहा गया है.
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आगरा के जिला कृषि रक्षा अधिकारी, डॉ राम प्रवेश ने एक अलर्ट को जारी करते जिले के किसानों को इस खतरे से आगाह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि आगरा के सीमावर्ती प्रदेश, राजस्थान के दौसा तक टिड्डी कीट के दल के पहुंचने की सूचना मिल गई है.इसलिए जिला में अलर्ट जारी किया गया है.उन्होंने किसानों को सतर्क करते हुए कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना मिलते ही वो अपने विकास खंड की कृषि रक्षा इकाई या जिला कृषि रक्षा अधिकारी को इसकी सूचना दें.
Agra district administration issues alert to farmers over locust attack as "locusts have reached neigbouring district Dausa of Rajasthan". pic.twitter.com/aKt2z3BoEs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 21, 2020
ऐसे करें उपाय :
डॉ राम प्रवेश ने बताया कि टिड्डी दल एक दिन में 100 से 150 कि.मी. तक उड़ने की क्षमता रखते हैं. यह फसलों व हरी सब्जी तथा फल वगैरह को नष्ट कर देते हैं.उन्होंने बताया कि टि्ड्डी दल जब आक्रमण करे तब धुआं करके, थाली ,ढोल या टिन पीटकर इसे भगाया जा सकता है.
हालांकि अभी आगरा में टिड्डी दल के किसी भी तरह के प्रकोप से इंकार किया गया है लेकिन आगरा के सीमावर्ती प्रदेश, राजस्थान के दौसा तक टिड्डी कीट के दल के पहुंचने की सूचना के कारण ये आगाह किया गया है.बता दें कि ,राजस्थान में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष टिडडी दल के प्रकोप को दो से तीन गुना बढने की आशंका व्यक्त की गई है. इस साल यहां का काफी सारा इलाका टिड्डी प्रकोप से प्रभावित हो चुका है.राजस्थान में पिछले वर्ष टिड्डी दलों का प्रकोप अक्टूबर-नवम्बर में सामने आया था और करीब डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ था लेकिन इसपर जनवरी तक काबू पा लिया गया था.इस बार अप्रैल से ही इनका प्रकोप चालू हो गया है.