Agra News: आगरा के मुफ्ती को सता रहा ‘जान का खतरा’, पुलिस से मांगी सुरक्षा, पढ़ें क्या है पूरा माजरा
आगरा के एक मुफ्ती को अपनी जान का खतरा सताने लगा है. ऐसे में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही सुरक्षा की मांग भी की है. मामला तकिया वजीर शाह हींग की मंडी के रहने वाले जीशान कुरैशी से संबंधित है. पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
Agra News: आगरा के शहर मुफ्ती ने अपनी जान का खतरा बताकर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है. वहीं उन्होंने पुलिस प्रशासन से पुलिस सुरक्षा की मांग भी की है. तकिया वजीर शाह हींग की मंडी के रहने वाले जीशान कुरैशी ने थाना मंटोला में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें जाहिद उर्फ पप्पू कान्हा को आरोपी बनाया गया है, और बताया है कि वह शहर मुफ्ती को जान से मारने की धमकियां दे रहा है. पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज किया है.
जाहिद उर्फ पप्पू काना आए दिन करता है मारपीट
थाना मंटोला में दी गई तहरीर में जीशान कुरैशी ने जिक्र किया है कि कुछ समय पहले शहर मुफ्ती की शान में जाहिद उर्फ पप्पू काना और उसके साथियों ने गुस्ताखी की थी. वहीं उन्होंने बताया कि जाहिद उर्फ पप्पू काना आए दिन लोगों के साथ मारपीट करता है और उनके ऊपर झूठे मुकदमे लिखवाता है. वहीं उस पर हिंदू वाहिनी के नेता महेंद्र प्रताप सिंह के विरुद्ध मुकदमा लिखाने का भी जिक्र किया गया है.
पुलिस से की जल्द गिरफ्तारी की मांग
जीशान कुरैशी ने बताया कि मंटोला थाने में शाहिद उर्फ पप्पू कान्हा के विरुद्ध अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का एक मुकदमा पहले ही दर्ज हो चुका है. उन्होंने पुलिस से मांग की है कि जाहिद को और उसके सहयोगियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाए और शहर मुफ्ती को पुलिस सुरक्षा दी जाए.
वहीं, इस मामले में इस्लामिया लोकल एजेंसी ने शाही जामा मस्जिद की सुलतानपुरा स्थित कैंप कार्यालय पर एक बैठक का आयोजन किया. एजेंसी के सचिव आजम खान मलिक ने बताया कि मोहम्मद जाहिद के विरुद्ध आम सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया है.
जाहिद द्वारा कमेटी के विरुद्ध किए जा रहे कार्यों का भी इसमें जिक्र किया गया है, और जाहिद को बतौर अध्यक्ष कमेटी ने सारे अधिकार सीज कर दिए हैं. मंटोला पुलिस ने जीशान कुरैशी की तहरीर के आधार पर शाहिद उर्फ पप्पू कान्हा के खिलाफ धारा 153 A, 295A, 504 और 67 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत