सियासी गर्मी में असदुद्दीन ओवैसी का नया शिगूफा, अब किसी की ‘बारात में बाजा’ नहीं बजाएंगे यूपी के मुसलमान

ओवैसी ने कहा कि देश में हर जाति का एक नेता है, लेकिन मुसलमानों का कोई नेता नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2021 10:37 AM

नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कानुपर में कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति किसी बारात की ‘बैंड बाजा पार्टी’ जैसी हो गई है, जहां पहले उन्हें म्यूजिक बनाने के लिए कहा जाता है. बाद में उन्हें वेडिंग प्लेस के बाहर खड़ा कर दिया जाता है, लेकिन अब मुसलमान किसी बारात में बाजा नहीं बजाएंगे.

उन्होंने आगे कहा कि देश में हर जाति का एक नेता है, लेकिन मुसलमानों का कोई नेता नहीं है. खासकर, उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी 19 फीसदी है, लेकिन यहां एक भी नेता नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्‍यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) हो या फिर सामाजिक न्‍याय के लिए दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा), किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्‍व नहीं दिया.

ओवैसी के यूपी चुनाव में कूदने से दूसरी पार्टियों में बेचैनी

बता दें कि मुसलमानों को नेतृत्‍व मुहैया कराने के मसले के साथ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाने और मुसलमानों को नेता प्रदान करने के दावा करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने परंपरागत तौर मुस्लिम वोट हासिल करने वाली पार्टियों में बेचैनी पैदा कर दी है. ओवैसी इसी आरोप को उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का आधार बना रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का नहीं है कोई नेता

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्‍सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्‍न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्‍व है, मगर जनसंख्‍या में 19 फीदी से ज्‍यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्‍य नेतृत्‍व नजर नहीं आता. राज्‍य में 82 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर मुसलमान मतदाता जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं, मगर राजनीतिक हिस्‍सेदारी के नाम पर उनकी झोली में कुछ खास नहीं है.

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यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी एआईएमआईएम

गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. हालांकि, बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है.

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