Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. शहर में वायु प्रदूषण (Pollution) बढ़ा है, जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बढ़कर 164 हो गया है. गुरुवार को शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 156, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 170, और सुभाषनगर का एक्यूआई 165 हो गया है. इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 65, राजेंद्र नगर का 92, और सुभाषनगर का 82 है, जो काफी हानिकारक दायक बताया जा रहा है.
इसके साथ ही पीएम 10 सिविल लाइंस का 93, राजेंद्र नगर का 254, और सुभाषनगर का 170 हो गया है. इससे पहले दीपावली पर भी बरेली की हवा का एक्यूआई बढ़ गया था. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा को भी ऑक्सीजन की जरूरत है. बरेली के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और कानपुर आदि जिलों का भी एक्यूआई बढ़ा हुआ है. एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है.
हालांकि, बरेली के गांवों का एक्यूआई बहुत खराब नहीं हुआ है. शहर का एक्यूआई बढ़ने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. फिजीशियन डॉक्टर नदीम खां का कहना है कि बच्चे और बुजुर्ग एहतियायत रखें. घर से भी कम निकलें. मगर, पिछले कुछ दिन से सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. एक्यूआइ बढ़ने से सांस के मरीजों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद बताई.
डॉक्टर नदीम का कहना है कि ठंड के साथ ही कोहरा बढ़ने लगा है.इसलिए कोहरे में वाकिंग करने से बचें.कोहरे में वाकिंग करने से बीमारियां हो सकती हैं. योग भी बीमारियों से बचा सकता है. कोहरे में वाकिंग के बजाय घर में योग करें. फेफड़ों के लिए योग फायदेमंद है.
एक्यूआई बढ़ने से सांस की बीमारी हो सकती है. इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें.इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.धनुरासन योग भी अच्छा है.इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है.
अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 0 से 50 है, तो यह बहुत अच्छी स्थिति है. इससे सेहत पर कम असर होता है. इसके अलावा 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 201-300 AQI है, तो यह काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है.401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली