Lucknow: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीते दिनों भाजपा के साथ ट्विटर वॉर पर कहा कि हमने अपनी सोशल मीडिया टीम बदल दी है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि गलती दोनों तरफ से थी. उन्होंने कहा कि भाषा के स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. भाजपा के लोगों को अपनी भाषा ठीक करनी चाहिए. भाजपा विभिन्न संस्थाओं के जरिए लोगों को चिह्नित कर उनका उत्पीड़न कर रही है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब नहीं जीत पाती है, तो पुलिस को आगे करती है. उन्होंने योगी सरकार के प्रदेश में निवेश के दावों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ये इन्वेस्टर्स समिट केवल चुनाव की तैयारी है. भाजपा की सरकार जनता को धोखा दे रही है. कुछ दिन चमक-दमक दिखेगी जमीन पर कुछ नहीं उतरेगा.
अखिलेश यादव ने कहा कि जिन प्रस्तावों की बात हो रही है, उसमें कितने लोगों को रोजगार मिलेगा, यह भी सरकार को बताना चाहिए. भाजपा के घोषणा पत्र में भी रोजगार की बात की गई थी. सब कुछ हवा-हवाई है. अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में नया संगठन बनकर तैयार होगा और बहुत जल्दी हमारा कार्यक्रम जारी किया जाएगा. हम लोग संघर्ष करते नजर आएंगे.
अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा नदी की सफाई को लेकर भी सरकार के दावों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे. गंगा तो साफ नहीं हुई पर इसके लिए आवंटित किया गया हजारों करोड़ साफ हो गया. उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए नालों को नदी में गिरने से रोकना होगा. हमने गोमती नदी साफ की, इस सरकार ने इसे भी बर्बाद कर दिया. यहां पर नाव लाई गई पर इसे दूसरी जगह भेज दिया गया.
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सपा अध्यक्ष ने इस मौके पर पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के संघर्षों पर आधारित कैलेंडर का विमोचन किया. इस कैलेंडर में समाजवादी आंदोलन और चिंतन का उल्लेख है. नेताजी के जीवन से जुड़ी घटनाक्रमों का तस्वीर के साथ संकलित किया गया है. यह कैलेंडर 12 पेज का है, जिसमें मुलायम सिंह यादव के विचार और उनके सहयोगियों का उल्लेख है. कैलेंडर के संकलन में उदय प्रताप सिंह और कबीर ने अहम भूमिका निभाई है.
उन्होंने कहा कि आज के दिन नेताजी के काम और संघर्ष को याद किया गया. अखिलेश ने कहा कि युवा दिवस पर सभी युवा संकल्प लें कि नफरत की राजनीति खत्म हो क्योंकि तभी तरक्की संभव है. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और समाजवादियों की सोच एक थी. व्यवस्था में परिवर्तन का सपना स्वामी विवेकानंद और मुलायम सिंह दोनों का था.