लखनऊ : कोरोना काल में जेइइ ,नीट परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद अभी शांत नहीं हुआ है. इस मसले पर सियासी बयानबाजी भी जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परीक्षा के आयोजन को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा है.
अखिलेश यादव ने कहा है कि याद रहे पलटे हुए अंगूठे सत्ता भी पलट देते हैं. अपने ताजा ट्वीट में सपा अध्यक्ष ने लिखा कि जिस प्रकार देशभर के परीक्षार्थियों ने अपनी ‘नापसंदगी’ दर्शाकर अपना रोष दर्ज किया है, उसने साफ़ कर दिया है कि चिंतित युवा और अभिभावक भी चाहते हैं कि सत्ताधारी अपना दंभ त्यागकर परिवारवालों की माँग सुनें. याद रहे पलटे हुए अंगूठे सत्ता भी पलट देते हैं. ये जनतंत्र है. मनतंत्र नहीं. मालूम हो कि यूट्यूव पर प्रधानमंत्री के मन की बात को नकारात्मक मत मिला है.
इससे पूर्व भी अखिलेश इस मसले पर सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. अखिलेश ने अपने पहले के ट्वीट में कहा था कि जब सीएसएटी की परीक्षा टाली गई है तो जेइइ ,नीट भी स्थगित हो. सत्याग्रह का ये देश, भाजपा के दुराग्रह का जबाव देगा.उन्होंने कई हैशटैग भी चलाये थे.
अखिलेश ने कहा कि जेइइ ,नीट की परीक्षा कराने पर आमादा भाजपा बताये कि इस परीक्षा के बाद किस तारीख से संस्थानों को खोलेगी, कब चयन की प्रक्रिया पूरी होगी, कब से क्लासेज शुरू होंगी. जब ये तय ही नहीं है तो सरकार किसके दबाव में ये हड़बड़ी कर रही है?
बता दें कि गैर-बीजेपी शासित छह राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया कि कोर्ट कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र को जेइइ ,नीट की परीक्षा कराने को लेकर दिये गये अपने आदेश पर पुनर्विचार करे.
posted by ashish jha