Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नागरिकों से 9 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा ध्वज फहराने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रध्वज को पूरे सम्मान के साथ फहराया जाये. इस दौरान उसकी पवित्रता एवं गरिमा कायम रहनी चाहिए. स्वेच्छा से प्रत्येक नागरिक अपने आवास पर राष्ट्रध्वज फहराये. यह तिरंगा खादी का बना हो. राष्ट्रध्वज हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. उस पर हर भारतीय गर्व करता है.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने की चेतावनी दे दी थी. गांधी जी ने अपने भाषण में देश को ‘करो या मरो’ का मंत्र दिया था. अंग्रेजों भारत छोड़ो प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 की रात को पारित होते ही अंग्रेज सरकार का दमन चक्र शुरू हो गया था. सभी नेता तड़के सुबह से गिरफ्तार कर लिए गए. तब जेपी, लोहिया, अरूणा आसिफ अली, ऊषा मेहता आदि समाजवादियों ने आंदोलन का नेतृत्व किया.
9 अगस्त 1942 को चारों तरफ कड़ी सुरक्षा के बावजूद अरूणा आसिफ अली ने अधिवेशन स्थल ग्वालियर टैंक मैदान बम्बई में तिरंगा ध्वज फहरा दिया. डॉ. लोहिया ने ऊषा मेहता के साथ नेपाल से आजाद रेडियो के माध्यम से आजादी के आंदोलन को पूरी ताकत से जारी रखने का आह्वान करते रहे. जयप्रकाश नारायण ने हजारीबाग जेल तोड़कर आंदोलन को गति दी.
अखिलेश यादव ने कहा कि इस जनआंदोलन के फलस्वरूप ही 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था. इस राष्ट्रीय आंदोलन की पावन स्मृति को बनाए रखने के लिए यह राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. भारत की आजादी की आखिरी लड़ाई की याद में 9 अगस्त क्रांति दिवस के रूप में तो मनाया जाता है. इस वर्ष 15 अगस्त को आजादी का 75वां वर्ष भी होगा.
उन्होंने कहा कि डॉ. राममनोहर लोहिया का मानना था कि 15 अगस्त 1947 राज्य की महान घटना जरूर है, जिस दिन हमें आजादी मिली थी. लेकिन 9 अगस्त 1942 देश की जनता की उस इच्छा की अभिव्यक्ति थी, जिसने ठान लिया था कि हमें आजादी चाहिए और हम आजादी लेकर ही रहेंगे. यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी था, जिसमें बड़े पैमाने पर जनता ने हिस्सेदारी की और अभूतपूर्व साहस प्रदर्शित किया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा शहर-गांव, अमीर-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी- दुकानदार- सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों, सभी को इस आयोजन में स्वेच्छा से सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए. इस अभियान में किसी को भी जुड़ने से बचना नहीं चाहिए. प्रत्येक नागरिक अपना राष्ट्रीय कर्तव्य समझकर इस अभियान में शामिल हो. राष्ट्रध्वज के दिन-रात फहराए जाने पर भी अब कोई प्रतिबंध नहीं है.