अख‍िलेश यादव ने कन्‍नौज में गोबर गैस प्‍लांट की जगह मांगा परफ्यूमरी पार्क, बजट के ऐलान पर उठाए तीखे सवाल

समाजवादी पार्टी की सरकार में बने कई प्रोजेक्‍ट्स का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान की सरकार उतनी तेजी से विकास कार्य नहीं कर रही है, जितने ज्‍यादा वादे किए जा रहे हैं. उन्‍होंने कन्‍नौज में घोष‍ित किए गए गोबर प्‍लांट का विरोध करते हुए कहा कि वहां की जनता को परफ्यूमरी पार्क बनाएं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2022 1:57 PM
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UP Vidhansabha Budget Session 7Th Day: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी की विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र के सातवें दिन प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ को घेरा. उन्‍होंने बजट में किए गए कई ऐलानों पर सवाल उठाए. उन्‍होंने समाजवादी पार्टी की सरकार में बने कई प्रोजेक्‍ट्स का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान की सरकार उतनी तेजी से विकास कार्य नहीं कर रही है, जितने ज्‍यादा वादे किए जा रहे हैं. उन्‍होंने कन्‍नौज में घोष‍ित किए गए गोबर प्‍लांट का विरोध करते हुए कहा कि वहां की जनता को परफ्यूमरी पार्क बनाएं ताकि इत्र के व्‍यापार को बढ़ाया जा सके.

‘गंगा में मछली डालते ही वह मर गईं’

यूपी के पूर्व सीएम ने सदन में हमलावर अंदाज में कहा कि बजट में मां गंगा की सफाई के लिए काफी बड़ा बजट रखा गया है. मगर गंगा नदी की सफाई के लिए यह काफी नहीं है. गंगा में मिलने में वाली अन्‍य नद‍ियों की सफाई के ब‍िना आप उसे पूरी तरह शुद्ध नहीं कर सकते. उन्‍होंने हाल ही में यूपी के मत्‍स्‍य मंत्री संजय निषाद के हाथों में गंगा में मरी हुई मछल‍ियां डालने का जिक्र करते हुए कहा कि मछल‍ियां सारी जिंदा थीं. करोड़ों का खर्च करके साफ की गई गंगा में मछली डालते ही वह मर गईं.

सर्क‍िल रेट बढ़ाकर किसानों को मुआवजा दें

उन्‍होंने अयोध्‍या में भूमि अध‍िग्रहण न हो पाने के चलते अधूरे पड़े कार्यों को लेकर कहा कि समाजवादी सरकार के समय भी भूमि अध‍िग्रहण के चनलते कई पर‍ियोजनाओं को रोकने की दिक्‍कत आती थी. मगर उस समय उन्‍होंने स्‍वयं सर्क‍िल रेट बढ़ाकर किसानों को मुआवजा दिया. उन्‍होंने हंसी-खुशी के साथ जमीन मुहैया करा दी. इस वक्‍त भी यही करना चाहि‍ए. किसानों को 6 गुना अध‍िक सर्क‍िल रेट देकर जमीनों का अध‍िग्रहण किया जाएगा. इसके अलावा पौधरोपण के बढ़-चढ़कर दावे तो किए जा रहे हैं मगर वे कहीं दिख रहे हैं. ऐसे में नेता सदन को यह स्‍पष्‍ट करना चाह‍िए कि पौधरोपण कहीं गमले में तो नहीं किया जा रहा है.

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