अखिलेश यादव के रामचरित्रमानस पर तेवर नरम, बीजेपी ने एससी-ओबीसी नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी, जानें रणनीति…

अखिलेश यादव के शूद्र की सियासत पर तेवर भले ही नरम पड़ गए हों. लेकिन, भाजपा ने दलित-पिछड़ों को साधने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी जिलों के दलित- पिछड़े समाज के नेताओं को दलित- पिछड़े समाज के लोगों की बैठक करने के निर्देश दिए.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2023 10:03 PM

Bareilly: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रामचरितमानस की चौपाई और शूद्र की राजनीति को लेकर तेवर नरम पड़ने लगे हैं. वह लगातार खुद के धार्मिक होने को लेकर बयान दे रहे हैं, तो वहीं रामचरितमानस लिखने वाले गोस्वामी तुलसीदास द्वारा निर्मित संकट मोचन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. इसको लेकर एससी और ओबीसी समाज के तमाम लोगों ने अखिलेश यादव से सवाल भी पूछा है. उन्होंने वाराणसी में पूजा करने के फोटो आने के बाद पूछा “फिर शूद्र की राजनीति क्यों”. हालांकि, इसका कोई जवाब नहीं आया है.

भाजपा की दलित-पिछड़ों को साधने की तैयारी

अखिलेश यादव के शूद्र की सियासत पर तेवर भले ही नरम पड़ गए हों. लेकिन, भाजपा ने दलित-पिछड़ों को साधने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी जिलों के दलित- पिछड़े समाज के नेताओं को दलित- पिछड़े समाज के लोगों की बैठक करने के निर्देश दिए. एससी-ओबीसी के नेता समाज के लोगों के साथ बैठक कर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एससी-ओबीसी के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी देंगे.

सपा सरकार में सिर्फ एक समाज का भला

इसके साथ ही सपा से समाज को सावधान करेंगे. इसमें बताया जाएगा कि जाति जनगणना की मांग करने वाली सपा ने अपनी सरकार में जाति जनगणना नहीं कराई. इसके साथ ही समाज के लिए कोई कार्य नहीं किया. सपा की सरकार में ओबीसी के नाम पर सिर्फ यादव समाज का भला हुआ है. बाकी किसी पिछड़े को सम्मान तक नहीं मिला. मगर, भाजपा में सभी का सम्मान हो रहा है. पार्टी सभी को साथ लेकर चल रही है. एससी-ओबीसी को साधने का अभियान मई तक चलेगा. इसके साथ ही भाजपा के ओबीसी नेता महात्मा बुद्ध की जयंती पर बड़ा आयोजन करेंगे.

Also Read: UP B.Ed JEE 2023: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए ऐसे करें आवेदन, जानें कब है अंतिम तारीख और पूरी प्रक्रिया…
सपा संगठन में सवर्ण समाज की एंट्री

समाजवादी पार्टी की 29 जनवरी को राष्ट्रीय कमेटी घोषित की गई थी. दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को तरजीह दी गई थी. मगर, सवर्ण नहीं थे. कुछ दिन बाद ही राष्ट्रीय कमेटी में बदलाव किया गया और सवर्ण वर्ग से कई नेताओं की कमेटी में एंट्री की गई.

हर दिन सुनता हूं भजन

अखिलेश यादव लगातार खुद को धार्मिक घोषित करने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने मैनपुरी में कहा कि वह हर दिन सुबह को एक घंटा भजन सुनते हैं. इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से भी खुद को दूर रखा था. सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को निजी बयान बताकर दूर रखा था. मगर, इसके बाद अखिलेश यादव गुरुवार और शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. यहां श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने के साथ ही संकट मोचन मंदिर में भी दर्शन कर पूजा पाठ किया.

जानें क्या बोले थे स्वामी प्रसाद

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 7 जनवरी को रामचरितमानस में महिला और दलितों के लिए अपमानजनक चौपाई होने पर सवाल खड़े किए थे. इसको लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को रामचरित मानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर पत्र भेजा है. इससे पहले लखनऊ में प्रतियां भी जलाई गई थी, जिसके चलते स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

Next Article

Exit mobile version