यूपी में सिख वोटरों को भी साधने में जुटे अखिलेश यादव, बरेली शहर सीट से कैंडिडेट उतारकर सपा खेल सकती है दांव
UP Chunav 2022: बरेली शहर सीट पर करीब 20 हजार से अधिक मतदाता है. यह एकजुट भी हैं. इस मतदाता के मिलने से सपा की नैया पार हो सकती है, तो वही बरेली मंडल की 25 सीट पर सिख समाज को आसानी से साधा जा सकता है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून बिल वापस लेने के बाद भी किसानों में नाराजगी कम होती नजर नहीं आ रही है.बरेली मंडल की 25 विधानसभा सीट पर डेढ़ लाख के करीब सिख-पंजाबी समाज का वोट है.इसमें से 95 फीसद समाज कृषि कार्य से जुड़ा है.बरेली मंडल में जाट मतदाता भी है, लेकिन यह 25 हजार के करीब है.जाट मतदाता सबसे अधिक करीब 15 हजार एक ही विधानसभा बहेड़ी में हैं.
सपा खासतौर से बरेली मंडल के सिख-पंजाबी समाज को साधने की कोशिश में है.जिसके चलते बरेली मंडल की 25 सीट में से एक सीट पर सिख-पंजाबी समाज के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है. इसमें से बरेली शहर सीट को तय माना जा रहा है. इस सीट पर करीब सवा चार लाख मतदाता हैं. इसमें सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता है, जिनकी संख्या करीब डेढ़ से पौने दो लाख है.
मगर, सिर्फ इन मतदाताओं के सहारे जीत दर्ज नहीं की जा सकती. इसलिए सपा सिख-पंजाबी समाज से प्रत्याशी उतारने की कोशिश में है. सर्वे रिपोर्ट में सिख-पंजाबी या फिर वैश्य समाज से प्रत्याशी बनाने की रिपोर्ट है, लेकिन पार्टी सिख को अधिक मुफीद मान रही है.
सपा का गठन चार अक्टूबर 1992 को हुआ था.करीब 29 साल हो चुकें हैं,लेकिन बरेली शहर सीट पर सपा एक बार भी जीत दर्ज नहीं की है. यह सीट 1985 में भाजपा के पूर्व मंत्री दिनेश जोहरी ने कांग्रेस से छीनी थी. इसके बाद से कोई भी अन्य दल इस सीट पर कब्जा नहीं कर पाया है.लगातार भाजपा का कब्जा है, वर्तमान में डॉ. अरुण कुमार विधायक हैं.
सपा ने कांग्रेस को दी थी गठबंधन में 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने यह सीट कांग्रेस को गठबंधन में दी थी. कांग्रेस ने वैश्य समाज का प्रत्याशी उतारा था, जो अपने ही समाज का वोट नहीं ले पाए. जिसके चलते वह चुनाव हार गए. हालांकि, सपा के पास मजबूत वैश्य नेता है, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था.यह सीट कांग्रेस हार गई
बरेली शहर सीट पर करीब 20 हजार से अधिक मतदाता है. यह एकजुट भी हैं. इस मतदाता के मिलने से सपा की नैया पार हो सकती है, तो वही बरेली मंडल की 25 सीट पर सिख समाज को आसानी से साधा जा सकता है.
इस सीट पर मुस्लिम दावेदार के रूप में मोहम्मद कलीमउद्दीन और डॉक्टर अनीश बेग मजबूती के साथ जनता के बीच जुटे हुए हैं, लेकिन सर्वे रिपोर्ट में किसी सिख समाज या वैश्य समाज के व्यक्ति को टिकट देने से जीत दर्ज करने की बात आई है.
सूत्रों का दावा है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक सिख समाज के कारोबारी को गोपनीय रूप से बुलाया था. उससे लंबी बातचीत हुई है.उसको प्रत्याशी बनाया जा सकता है.यह बड़ा कारोबारी है.
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रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद